अब भोजन परोसने से पहले चखना होगा…शिक्षकों को कलेक्टर अवनीश का सख्त निर्देश…इतने बजे नहीं पहुंचे…तो खैर नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—कलेक्टर अवनीश शरण ने सख्त निर्देश दिया है कि यदि शिक्षक निर्धारित समय पर शाला नहीं पहुंचते हैं तो फिर सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कही से कोई शिकायत पहुंची तो कार्रवाई के लिए सिर्फ शाला प्रबंधन और शिक्षक ही जिम्मेदार होंगे। कलेक्टर अवनीश शरण ने बताया कि अभियान चलाकर जाति प्रमाण पत्र बनाएं। इसके अलावा मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जाएगा। इसलिए जरूरी है कि स्कूल शिक्षा विभाग अपने कामकाज की विस्तार से समीक्षा करे।

कलेक्टर  अवनीश शरण ने सख्त निर्देश दिया है कि समय पर स्कूल नहीं आने वाले शिक्षक सावधान रहे। अभी निर्देश दिया जा रहा है यदि समय पर कोई शिक्षक नहीं पहुंचता है तो उस सख्त कार्रवाई निश्चित है। उन्होने बताया कि मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता से किसी भी सूरत में समझौता नहीं किया जाएगा।  निर्धारित मेनू के  अनुसार ही मन्यान्ह भोजन की व्यस्था किया जाए। सभी स्कूलों में एक सप्ताह के भीतर मेनू लिखा होना अनिवार्य है। स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र 15 दिवस के भीतर स्कूल में ही कैम्प लगवाकर बनाया जाए।

कलेक्टर ने जिला कार्यालय स्थित मंथन सभाकक्ष में स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की विस्तार से समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिया। कलेक्टर ने कहा कि मेनू के अनुरूप बच्चों को गरम भोजन दिया भोजन मैें खासकर पोषण प्राथमिकता से ध्यान रखा जाए। उन्होने दुहराया कि भोजन की गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

       कलेक्टर ने निर्देश दिया कि स्कूली बच्चों के जाति प्रमाण पत्र विशेष अभियान चलाकर 15 दिन के भीतर बनाया जाए। जरूरत पड़े तो स्कूल में ही कैम्प लगाया जाए। उपस्थित अधिकारियों को अवनीश शरण ने निर्देश दिया कि स्कूल में मध्यान्ह भोजन बच्चों को परोसने से पहले चखा जाए। यदि भोजन पोषण युक्त और ताला हो तभी बच्चों को परोसा जाए। इस संबंध में बच्चों से समय समय पर फीडबैक भी लिया जाए।

कलेक्टर ने कहा कि सभी बच्चे स्कूलों में बड़ी उम्मीद से आते हैं। उनके साथ पालकों के सपने भी होते हैं। हमारी महती जिम्मेदारी है कि उनके सपनों को साकार करने में शत प्रतिशत योगदन दें। बच्चों में बहुत प्रतिभा है, जरूरत केवल सिर्फ सही मार्गदर्शन की है। स्कूलों का वातावरण अच्छा होना चाहिए। स्कूूल के बाहर लगे ठेले-गोमचे प्राथमिकता से हटाने को भी कहा।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने आरटीई की समीक्षा करते हुए बड़े स्कूलों में योजना के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिया। इस दौरान बैठक में मौजूद जिला शिक्षा अधिकारी टी आर साहू ने शिक्षा विभाग से संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। विभाग से संचालित शहरी और ग्रामीण स्कूलों के बारे में बताया। साथ ही जिले में संचालित आत्मानन्द स्कूलों की जानकारी को भी पेश किया। इसके अलावा उन्होंने सरस्वती सायकल योजना, निशुल्क गणवेश वितरण योजना समेत अन्य योजनाओं के बारे में बताया।

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