चीफ इंजीनियर पद पर प्रमोशन के लिए परमानंद साय के आवेदन पर करना होगा विचार,हाईकोर्ट ने दिया आदेश

Shri Mi
2 Min Read

बिलासपुर।उच्च न्यायालय ने परमानंद साय के मामले में लोक निर्माण विभाग को 90 दिनों के अंदर अभ्यावेदन का निराकण करने का आदेश पारित किया है। श्री साय ने उच्च न्यायालय के समक्ष 2010 को उनके कनिष्ठ अभियंताओं को मिली पदोन्नत्ति के दिनांक से मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नत्ति के लिए याचिका दायर की थी।परमानंद साय ने लोक निर्माण विभाग और लोक सेवा आयोग के विरुद्ध दायर याचिका में 2010 में अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नत्ति के लिए आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति के पुर्नविचार समिति गठित करने गुहार लगायी थी।श्री साय का कहना है कि उनके विरुद्ध जान बुझ कर विभागीय जांच संस्थित कर उन्हें कई पदोन्नतियों से वंचित रखते हुए उनके हितों और अधिकारों का घोर हनन किया गया है।click here to join my whatsapp news group

.

हालाँकि उन्हें सहायक अभियंता से कार्यपालक अभियंता, और फिर कार्यपालक से अधीक्षण अभियंता के पद पिछली तारीखों में उनके कनिष्ठ अभियंता को मिली पदोन्नत्ति से पदोन्नत किया गया लेकिन घोर लापरवाही बरतते हुए उन्हें 2010 से मुख्य अभियंता बनाने की जगह 2020 से पद पर पदोन्नत किया गया, जिससे उन्हें 10 वर्षों की वरिष्ठता का नुकसान झेलना पड़ रहा है। न्यायलय में याचिका दायर कर श्री साय द्वारा अपनी मांग फिर से दुहराई गयी जिस पर न्यायालय द्वारा श्री साय के प्रस्तुत सभी तथ्यों को रिकॉर्ड करते हुए उन्हें अभ्यावेदन देकर लोक निर्माण विभाग और लोक सेवा आयोग के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।न्यायालय ने विभाग और आयोग को अपने आदेश में शामिल सभी तथ्यों को और परमानन्द साय की अन्य दलीलों को ध्यान में रखते हुए 90 दिनों के भीतर आदेश पारित करने का आदेश दिया है।श्री साय ने अपना पक्ष रखने अधिवक्ता शान्तम अवस्थी, प्रांजल शुक्ला और अनिकेत वर्मा को नियुक्त किया था।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close