कोलवाशरी जनसुनवाई में हंगामा..कुछ ने किया समर्थन, कुछ ने विरोध..आप नेता ने कहा..बरबाद हो जाएगा किसान..किया अधिकारियों का घेराव

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- खरगहनी में कोल वाशरी जनसुवाई के दौरान आप नेताओं ने हंगामा किया। जनसुवाई के बाद आप नेताओं ने अधिकारियों का घेराव किया। लेकिन पुख्ता पुलिस व्यवस्था के बीच किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति देखने को नहीं मिली। बताते चलें कि क्षेत्र में महावीर कोल वाशरी खोला जाना है। 7 अगस्त को पहली जनसुनवाई पथर्रा में और दूसरी सुनवाई गुरूवार को खरगहनी में हुई। जनसुवाई के दौरान राजस्व विभाग के आलाधिकारी एडिश्नल कलेक्टर बीएस उइके, कोटा एसडीएम तुलाराम भारद्वाज, तखतपुर एसडीएम आनन्द रूप तिवारी समेत  पर्यावरण विभाग के आला अधिकारियों के सामने हुई। इस दौारन महावीर कोलवाशरी के अधिकारी और स्टाफ भी मौजूद थे।

                          खरहनी में कोलवाशरी खोले जाने को लेकर दूसरी जनसुनवाई हुई। जनसुनवाई पंचायत भवन में हुई। जानकारी देते चलें कि खरगहनी में बिलासपुर कटने रेलवे ट्रैक के पास महावीर कोलवाशरी खोला जाना है। कोलवाशरी की क्षमता 9 लाख90 हजार मीलियटन टन है। यहां वेट प्रोसेस के तहत कोयला को वाश किया जाएगा।

                    जनसुनवाई के दौरान स्थानीय लोगों का काम जनप्रतिनिधियों का कोलवाशरी के खिलाफ ज्यादा विरोध देखने को मिला। इस दौरान शंकर यादव, गोंडवाना समाज के लोग और खरगहनी के नेता राजेश ने कोलवाशरी खोले जाने का विरोध किया।

             आप नेता दिलीप अग्रवाल ने प्रशासन पर कोल कम्पनी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। दिली अग्रवाल ने कहा कि इसके पहले खोले गए कमोबेश सभी वाशरियों ने जनता के साथ छल किया है। आज के पहले कमोबेश सभी कोलवाशरी का विरोध किया गया। बावजूद इसके कोलवाशरी को जनता के आंख में धूल झोंककर स्थापित किया गया। अनुभव रहा है कि कोलवाशरी कम्पनियां आश्वासन तो भरपूर देती हैं। लेकिन बाद में सब कुछ भूल जातें हैं। कोलवाशरी खुलने के बाद कोयले के ड्सट से खेत खलिहान पूरी तरह से बरबाद हो जाते हैं। और किसान भीख मांगने को मजबूर हो जाता है।  

                                          आप नेता ने बताया कि जनता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हम कलेक्टर से लेकर रायपुर तक कोलवाशरी खोले जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग करेंगे। उग्र आंदोलन भी करेंगे।

        कोलवाशरी के विरोध में शंकर यादव और राजेश समेत अन्य जन प्रतिनिधियों ने कहा कि शासन से मांग करेंगे कोलवाशरी को एनओसी नहीं दिया जाए। जरूरत पडी तो रायपुर में मामले को मुख्यमंत्री के सामने रखेंगे। कोलवाशरी खोले जाने का विरोध करेंगे। 

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