RBI ने इन बैंकों पर लगाये प्रतिबंध, जानें आपके खाते के पैसों का क्या होगा?

Shri Mi
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RBI:देश के बैंकों की वित्तीय स्थिति पर नजर रखने वाले RBI यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अर्थात भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर सख्ती दिखाई है, केंद्रीय बैंक ने चार बैंकों पर प्रतिबंध लगाये हैं, ये सभी बैंक सहकारी बैंक हैं, अब से ये किसी भी तरह का निवेश या लोन RBI की अनुमति के बिना नहीं ले सकेंगे।

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RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ सहकारी बैंकों की ख़राब आर्थिक स्थिति को देखते हुए ये बड़ा कदम उठाया है। आरबीआई ने 4 सहकारी बैंकों पर निकासी समेत कई प्रतिबंध लगाए हैं, अब से य बैंक आरबीआई के पूरी तरह नियंत्रण में काम करेंग, प्रतिबंधों के चलते ये बैंक आरबीआई को पूर्व सूचना दिए बिना ना तो लोन मंजूर कर सकते हैं, ना कोई निवेश कर सकते हैं, इतना ही नहीं ये बैंक अब से कोई नया दायित्व नहीं उठा सकते हैं और अपनी किसी संपत्ति का हस्तांतरण कर सकते हैं और ना ही उसका दूसरा कोई उपयोग कर सकते हैं।रिजर्व बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र), एचसीबीएल सहकारी बैंक, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और शिमशा सहकार बैंक, मदुरै, मांड्या (कर्नाटक) पर कई तरह के प्रतिबंध लगाये हैं।

केंद्रीय बैंक ने शंकरराव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक, अकलुज (महाराष्ट्र) पर खाते से पैसे निकालने पर एक प्रतिबंध लगा दिया है। इस बैंक के ग्राहक अब अपने खाते से सिर्फ 5,000 रुपये तक निकाल सकते है। आरबीआई ने कहा है कि ये प्रतिबंध 6 महीनों तक प्रभावी रहेंगे।

इन बैंकों के ग्राहक खाते से नहीं निकाल पाएंगे पैसे

इसके अलावा RBI ने कहा है कि एचसीबीएल सहकारी बैंक, लखनऊ (उत्तर प्रदेश), आदर्श महिला नगरी सहकारी बैंक मर्यादित, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और शिमशा सहकारी बैंक, मदुरै, मांड्या (कर्नाटक) की मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए इन बैंकों के ग्राहक अपने खातों से रुपये की निकासी नहीं कर सकेंगे।

5 लाख रुपये तक कर सकते हैं क्लेम

RBI ने बैंक के खाताधारकों से कहा है कि उन्हें अपने जमा पैसे की चिंता करने की जरुरत नहीं हैं वे डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत 5 लाख रुपये तक जमा पर बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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