स्कूल खुले…और पहले ही दिन सूरजपुर जिले में खुल गई व्यवस्था की पोल

Shri Mi
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सूरजपुर(मनीष जायसवाल) जिले के नवमी से बारहवीं तक के शिक्षा मंदिरो के कपाट ग्यारह महीने बाद खुलने के पहले ही दिन सूबे की शिक्षा व्यवस्था में कथनी करनी का फर्क दिखाई दिया है । दरसल जिला शिक्षा अधिकारी अपने प्रमुख सिपहसालार जिला मिशन समन्वयक तथा सहायक परियोजना अधिकरी के साथ गुरुवार को कुछ स्कूलों का औचक निरीक्षण किया और संस्था प्रमुखों व शिक्षको को मौखिक निर्देश दिए गए .. परन्तु जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 15 फरवरी से स्कूल लगने पर कोविड 19 से सावधानी के प्रोटोकॉल को अपनाते हुए शिक्षण व्यवस्था से जुड़ा जिले के प्राचार्यो व शिक्षको को कोई फार्मूला नही सुझाया गया। न ही इससे जुड़ा कोई भी स्पस्ट .. आदेश व निर्देश जारी नही किया गया !

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निरीक्षण के दौरान मौखिक जानकारी साझा की गई .! जिला स्तर पर केवल केंद्र और राज्य से मिले निर्देश ही बता दिए गए .. जो कोरोना काल के इस दौर में शिक्षण व्यवस्था को बनाये रखने में भृम की स्थिति निर्मित कर रहा है। सूरजपुर के कई शिक्षक व शिक्षक संघो के नेताओ से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के शिक्षक संस्था प्रमुख गुरुवार को असमंजस में रहे कि शाला संचालन कैसे और कितनी देर किया जाए, दो गज की दूरी के साथ छात्रों को कैसे बिठाया जाए , छात्रों को कक्षा में पचास प्रतिशत उपस्थिति के लिए कौन सा फार्मूला लगाया जाए , कक्षा में बैठक व्यवस्था के क्या फार्मूला फिट होगा कैसे विषयवार क्या पढ़ाई शुरू की जाय , स्कुलो कमरे की कमी और कम फर्नीचर से कैसे निपटा जाए ..! वही शाला में कोविड 19 का संक्रमित पाए जाने पर कैसे और किस किस .. का कोरोना टेस्ट कहाँ होगा . शिक्षको की भूमिका क्या होगी! ऐसे बहुत से सवाल गुरुवार को चर्चा में रहे है।

चर्चा में यह भी जानकारी आई कि अधिकांश संस्था प्रमुख ऐसी समस्याओं का समाधान खोज लेते ..! कोई मेरी मर्जी तो कोई बहुजन हिताय को महत्व देता है। कई स्कूल के संस्था प्रमुख आड़ और ईवन के फार्मूले पर विचार कर रहे है … तो कोई एक दिन लडके और एक दिन लड़कियों को स्कूल बुलाने पर विचार कर रहा है पर कोई निर्णय नही ले पा रहे है। इनका कहना है कि आधे अधूरे निर्देशो पर सुचारू व्यवस्था बनाने पर समस्या तब आती है जब शिक्षा विभाग नीद से जागने के बाद आनन फानन में कोई निर्णय लेता है। स्कूलों में मौखिक निर्देश पर विवेक से चल रही व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगा कर नोटिस थमा देते है।

इस विषय को लेकर सूरजपुर के जिला शिक्षा अधिकारी विंनोद राय से चर्चा की गई तो उन्होंने ने बताया कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूल खोलने के जो निर्देश केंद्र व राज्य सरकार से मिले है वही अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। प्राचार्यो को इस का पालन करते हुए शाला संचालन करना है।

सार यह है कि कोविड 19 का फार्मूला तय करते हुए कैसे शिक्षण व्यवस्था बनाई गई जाए इसे लेकर प्रदेश वरिष्ठ अधिकारी भी संशय में है। कोरोना के इस काल खंड में शिक्षा व्यवस्था को आन लाइन से आफ लाइन मोड़ लाने पर क्या दिक्कतें भविष्य में आ सकती है इस पर अभी आशंकाओ के बादल जरूर दिखाई देते है । … उमीद है कि राम भरोसे सब ठीक ही होगा। कुछ ऊपर नीचे हुआ तो अधिनस्तो पर कार्यवाही का हथियार तो है ही …!

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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