सूरजपुर।जिले की महिलाओं को फोन व सोशल मीडिया पर परेशान करने वाले, फर्जी नंबरों से फोन काल, नकली बैंक अधिकारी बन लोन फ्राड, केवाईसी सत्यापन के नाम पर आनलाइन ठगी करने वालो के बुरे दिन शुरू होने वाले है।
अपराध रोकने व पीड़ितो को न्याय दिलाने के जिले की पुलिस सजग है इसी कड़ी को मजबूत करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल की अभिकल्पना व मार्गदर्शन में सायबर सेल सूरजपुर पुलिस ‘‘सायबर की पाठशाला’’ के नाम से सायबर जागरूकता अभियान का आगाज किया है। जानकारी के मुताबिक जिले की जनता को आन लाइन ठगी का शिकार होने से बचाने के लिए ‘‘सायबर की पाठशाला’’ शुरू की गई है।जिसमें नियमित अंतराल पर संदेश, पोस्टर, कार्यशाला व अन्य माध्यमों से जनसामान्य को सायबर से संबंधित विषयों को जन जागरूकता के माध्यम से इससे बचने के उपाय बताये जायँगे।
कहा जा रहा है कि सभी अपराधों के मूल में पीड़ित की अज्ञानता अथवा लालच ही पहला चरण होता है।पुलिस तो अपराध विवेचना का काम करती है, परंतु सामान्य जन को भी नये तकनीक का इस्तेमाल करने में पर्याप्त सावधानी रखनी चाहिए जिससे वे ठगी का शिकार होने से बचे।
वर्तमान समय में समाज में जैसे जैसे तकनीक का उपयोग दैनिक जीवन में बढ़ रहा है वैसे वैसे नये अपराध समाज में बढ़ रहे हैं। जिनमें आर्थिक और सामाजिक अपराध और उनमें कम्प्यूटर, मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग करके अपराधी प्रवृत्ति के लोग नागरिकों की जीवन भर की कमाई लूट रहे हैं। महिलाओं को परेशान करने वअपमानित करने के लिए भी असामजिक तत्व सोशल मिडिया का प्रयोग कर रहें हैं। फर्जी नंबरों से फोन काल, नकली बैंक अधिकारी बन लोन फ्राड, केवाईसी सत्यापन के नाम पर आनलाइन ठगी जैसे अपराध घटित हो रहे है।जिसे रोकने के लिये ‘‘सायबर की पाठशाला’ एक ठोस प्रभावी कदम हो सकता है।
कही लिखा है कि नवाचार परिवर्तन प्रकृति तक सीमित नहीं होते। समाज में भी प्रतिक्षण परिवर्तन हो रहा है। पुरानी मान्यताओं के स्थान पर नवीन मान्यताएँ जगह ले रही हैं। पुराने विचार जा रहे हैं, नए विचार आ रहे हैं। पुरातन मूल्यों का स्थान नूतन मूल्य ग्रहण कर रहे हैं।नई पुलिसिंग की इसी कड़ी में सुरजपुर पुलिस अब सायबर अपराध की रोकथाम के लिए जनजागरूकता लाने नवाचार का प्रयोग कर रही है। जो थाना-चौकी की पुलिस साप्ताहिक बाजारों, स्कूलों, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सायबर अपराध की जानकारी देगी ताकि नागरिकगण अधिक सक्षमता से तकनीक का इस्तेमाल कर सके व समाज में सायबर अपराधों में कमी आए।