औचक निरीक्षण करने कलेक्टर पहुंचे जिला अस्पताल…किस बात को लेकर सौरभ कुमार ने दिया सख्त निर्देश..पढ़ें खबर

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—कलेक्टर सौरभ कुमार ने बुधवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। जानकारी मिलते ही अस्पताल स्टॉफ में हलचल मच गयी। व्यवस्था का जायजा लेने के दौरान कलेक्टर ने कई व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर किया। साथ ही पोषम पुनर्वास केन्द्र में बच्चों की स्थिति को देखकर नाराजगी जाहिर किया। और केन्द्र में बच्चों के बेहतर देखभाल का निर्देश दिया। 
कलेक्टर सौरभ कुमार ने बुधवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। मरीजों और परिनजों से मिलकर जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन को  मरीजों का इलाज पूरी संवेदनशीलता के साथ करने को कहा। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में किसी भी मामले में कोताही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर ने ओपीडी कक्ष, आईसीयू कक्ष, महिला-पुरूष मरीज वार्ड, शिशु वार्ड और पोषण पुनर्वास केंद्र, एचडीयू वार्ड, आई वार्ड, आईसोलेशन वार्ड, सर्जरी वार्ड, ब्लड बैंक सहित विभिन्न कक्षों का बारीकी से निरीक्षण किया। वार्डाें में भर्ती मरीजों से बातचीत कर हालचाल पूछा। इलाज और दवाईयां की समुचित उपलब्धता के साथ ही शौचालयों की सफाई पर गौर किया।
कलेक्टर ने ओपीडी का जायजा लेने के साथ ही मरीजों से मिलने वाले सुविधाओं को लेकर स्टॉफ के साथ चर्चा किया। सिविल सर्जन ने बताया कि आभा ऐप के बारे में बताया। सिविल सर्जन ने कहा कि मरीज और उनके परिजन बिना समय बरबाद किए आभा एप के माध्यम से ओपीडी जांच के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। एप से रजिस्ट्रेशन होने से लोगों को अन्य कई प्रकार की परेशानियों से बचने का अवसर मिल जाता है। सिविल सर्चन ने बताया कि इस दौरान वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर्स और बच्चों के बीमारी के संबंध में भी बताया।
कलेक्टर ने भ्रमण के दौरान परिजनों से बच्चों के टेस्ट, दवाई और भोजन को लेकर बातचीत की। सौरभ कुमार ने  पोषण पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण किया। सिविल सर्जन ने बताया कि 15 बच्चों की क्षमता वाले पोषण पुनर्वास केंद्र में फिलहाल 7 बच्चों की देखभाल हो रही है। कलेक्टर ने कहा कि मीनू के हिसाब से बच्चों को पोषण आहार दिया जाए। बच्चों के लिए प्ले एरिया में खिलौने समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास अधिकारी को कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराने का निर्देश दिया। इस दौरान पीडब्ल्यूडी और अन्य निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को जिला अस्पताल में निर्माण संबंधी व्यवस्थाएं दुरूस्त करने को  कहा। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव, सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता, रेडक्रास जिला समन्वयक सौरभ सक्सेना समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। 
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