बिलासपुर—एनटीपीसी के नाराज मजदूरों ने आज कलेक्टर कार्यालय के सा्मने प्रदर्शन किया। मजदूरों ने कहा अब बहुत हुआ। जमीन चली गयी..अब मजदूरी भी छीना जा रहा है। शासन प्रशासन से यदि सहयोग मिलता तो हमें आज यह दिन नहीं देखना पडता। हम अंतिम बार कलेक्टर से मिलकर समस्या का समाधान चाहते हैें। अन्यथा एनटीपीसी हमें हमारी जमीन वापस करे।
एनटीपीसी के मजदूरों ने आज कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मजदूर नेता राहुल सोनवानी ने बताया कि हमने अपनी जमीन दी है। इस शर्त पर की एनटीपीसी में नौकरी मिलेगी। लेकिन हमारे हिस्से में केवल भटकना मिला है।
मजदूरों ने कहा कि बड़ी मुश्किल से अकुशल मजदूर बनाकर काम दिया गया। कुछ महीने बाद ही काम के दिनों की संख्या प्रबंधन ने कम कर दिया है। 25 की जगह दिनों की संख्या घटाकर 18 कर दिया गया है। समझने वाली बात है कि एक दिन का 431 रूपए मजदूरी मिलती है। किसी तरह परिवार का गुजारा हो जाता है। लेकिन दिनों की संख्या कम होने से परिवार चलाना अब मुश्किल हो गया है।
मजदूर नेता ने आरोप लगाया कि एनटीपीसी प्रबंधन मजदूरी के काटे गए दिनों का काम बाहरी मजदूरों को दे रहा है। जबकि एनटीपीसी में हमारी जमीन गयी है। हमें जमीन के बदले मजदूरी पर रखा गया है। लेकिन प्रबंधन अब बाहरी मजदूरों की भर्ती कर हम सबको बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर लिया है। इतना ही नहीं बाहरी मजदूरों को अधिक मजदूरी दी जा रही है।
मजदूर नेता सोनवानी ने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलता है हम आमने सामने की लड़ाई के लिए तैयार है। हमारी मांग है कि एनटीपीसी जमीन लौटाए..या फिर हमारी मांग को पूरी करे। अन्यथा हम उग्र आंदोलन करेंगे। रेल रोंकेंगे..कोयला की आपूर्ति भी रोकेंगे। धरना प्रदर्शन के दौरान मजदूरों और सिटी मजिस्ट्रेट के बीच वाद विवाद की स्थिति बनी।