करंट से विशाल नर हाथी की मौत…जानकारी के बाद ग्रामीणों आक्रोश, वन विभाग में हलचल…DFO ने दिया जांच का आदेश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर/ लोरमी—एक बार फिर वन विभाग का कुूरूप चेहरा सामने आया है। खुड़िया के जंगलों में एक नर हाथी शिकारियों का शिकार हुआ है। मामला सामने आने के बाद अब अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए खुद को बेदाग साबित करना भी शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि शिकारियों ने विद्युत तार बिछाकर हाथी की करंट से नर हाथी को मौत के घाट उतारा है।

जानकारी के अनुसार 24 नवंबर को एटीआर से लगे खुड़िया के जंगल गांव भूतकछार में शिकारियों ने बिजली के तार में करंट प्रवाहित कर एक नर हाथी को मौत के घाट उतार दिया है। खबर के बाद जंगल विभाग के साथ पूरे क्षेत्र में हलचल मच गयी है। साथ ही जनसामान्य में वन विभाग के प्रति आक्रोश भी पैदा हो गया है। लोगों की माने तो जंगली जानवरों का शिकार और मौत का यह नया मामला नहीं है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि वन्य जीवों की हत्या में जंगल विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। लोग तो अब विभाग के हाथी मित्र दल और निगरानी दल आखिर कहा हैं।

वनपरिक्षेत्र खुड़िया की ग्राम भूतकछर के कक्ष क्रमांक 486 में एक नर हाथी की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी है। ग्रामीणों ने बताया की नर हाथी की लाश करीब तीन चार दिन पुरानी है। शुक्रवार को एक चरवाहा जानवर को लेकर जंगल गया। इसी दौरान उसने बदबू महसूस किया। और हाथी की शव को देखकर सहम गया। चरवाहे तत्काल ग्रामीणों को जानकारी दिया। हाथी के मरने की खबर जनमानस में आग की तरह फैल गयी। ग्रामीणों की जानकारी के बाद बीटगार्ड और वनाधिकारी घटना स्थल पहुँच गए।

 स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले ही 6 हाथियों का दल जंगल मे प्रवेश किया गया था। पांच हाथी खुड़िया वनक्षेत्र से कटामी पहुँचे। मामले में जानकारी के बाद भी वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने  हाथियों को ट्रैक नहीं किया। मौके का फायदा उठाकर शिकारियों ने तार में करंट प्रवाहित कर बेजुबान को मौत के घाट उतार दिया। ग्रामीणों की मानें तो हाथ की मौत बिजली के तार से करंट लगने से हुई है। हाथी की पैर और सिर पर गहरे जख्म के निशान हैं।

बहरहाल घटना स्थल पर पहुंचकर विभागीय अधिकारियों ने मुआयना किया है। हाथी का पोस्टमार्टम किए जाने की बात अधिकारियों ने कही है। अधिकारियों ने बताया कि मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा। मुंगेली वनमंडल डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने बताया कि जांच के बाद वस्तुस्थिति का खुलासा होगा। मामले में ग्रामीणों से आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है।

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