WATCH LIVE-पीएम मोदी कर रहे है मन की बात,2020 ने आधा सफर पूरा किया,Mann Ki Baat LIVE

Shri Mi
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दिल्ली।इतवार को पीएम मोदी ने मन की बात को संबोधित किया।श्री मोदी ने कहा कि मुश्किलें आती हैं, संकट आते हैं, लेकिन क्या इन आपदाओं की वजह से हमें साल 2020 को ख़राब मान लेना चाहिए?, क्या पहले के 6 महीने जैसे बीते, उसकी वजह से, यह मान लेना है कि पूरा साल ही ऐसा है, क्या ये सोचना सही है ? पीएम ने कहा कि इन सबके बीच, हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है, वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं।

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प्रधामन्त्री ने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर, आँख उठाकर देखने वालों को, करारा जवाब मिला है। भारत, मित्रता निभाना जानता है, तो, आँख-में-आँख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है। भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है। दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के कमिटमेंट को देखा है।

अपने सम्बोधन मे उन्होने कहा कि बिहार के रहने वाले शहीद कुंदन कुमार के पिताजी के शब्द तो कानों में गूँज रहे हैं। वो कह रहे थे, अपने पोतों को भी, देश की रक्षा के लिए, सेना में भेजूंगा। यही हौंसला हर शहीद के परिवार का है। वास्तव में, इन परिजनों का त्याग पूजनीय है। भारत-माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, हर देश-वासी को बनाना है।श्री मोदी ने कहा कि हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने – यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।

आत्मनिर्भर भारत को लेकर PM मोदी ने कहा कि- कोई भी मिशन जन-भागीदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता है। इसीलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहयोग बहुत जरूरी है। आप Local खरीदेंगे, Local के लिए Vocal होंगे। ये भी एक तरह से देश की सेवा ही है.

उन्होने कहा कि- #कोरोना वायरस ने निश्चित रूप से हमारे जीवन जीने के तरीकों में बदलाव ला दिया है। मैं, London से प्रकाशित Financial Times में एक दिलचस्प लेख पढ़ रहा था। इसमें लिखा था कि कोरोना काल के दौरान अदरक, हल्दी समेत दूसरे मसालों की मांग, एशिया के आलावा, अमेरिका तक में भी बढ़ गई है। तो, दूसरी ओर, लोगों ने मुझे ये भी share किया है, कि, कैसे lockdown के दौरान, खुशियों के छोटे-छोटे पहलू भी – उन्होंने जीवन में re-discover किए हैं।

खेलो को लेकर श्री मोदी ने कहा कि आज हर बच्चा सांप-सीढ़ी के खेल के बारे में जानता है ।लेकिन, क्या आपको पता है कि यह भी एक भारतीय पारंपरिक game का ही रूप है, जिसे मोक्ष पाटम या परमपदम कहा जाता है । हमारे यहाँ का एक और पारम्परिक गेम रहा है – गुट्टा ।बड़े भी गुट्टे खेलते हैं और बच्चे भी – बस, एक ही size के पांच छोटे पत्थर उठाए और आप गुट्टे खेलने के लिए तैयार। एक पत्थर हवा में उछालिए और जब तक वो पत्थर हवा में हो आपको जमीन में रखे बाकी पत्थर उठाने होते हैं । मुझे मालूम है, आज, जब मैं ये बात कर रहा हूं, तो, कितने ही लोग अपने बचपन में लौट गए होंगे, कितनों को ही अपने बचपन के दिन याद आ गए होंगे ।मैं यही कहूँगा कि उन दिनों को आप भूले क्यों हैं? उन खेलों को आप भूले क्यों हैं? हम भारत के पारम्परिक Indoor Games को नये और आकर्षक रूप में प्रस्तुत करें। उनसे जुड़ी चीजों को जुटाने वाले, supply करने वाले, start-ups बहुत popular हो जाएँगे, और, हमें ये भी याद रखना है, हम local के लिए vocal होने का प्रण पहले ही ले चुके हैं ।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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