हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों (Gujarat Assembly Elections) के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. नतीजों से पहले एग्जिट पोल चर्चा में हैं. तमाम चुनावी एजेंसियां अपने एग्जिट पोल (Assembly Election Exit Polls) पेश कर रही हैं. हिमाचल प्रदेश में इस बार भी कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच लड़ाई है. वहीं, गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP)की एंट्री ने चुनावों को रोचक बना दिया है. इन दोनों राज्यों के चुनावों के अलावा, दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election) और कई राज्यों की लोकसभा और विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनाव पर भी देश की नजरें बनी हुई हैं.
एग्जिट पोल आमतौर पर वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद आ जाते हैं. ये एग्जिट पोल मतदाताओं की राय के आधार पर तैयार होते हैं. इनमें मतदाता बताते हैं कि उन्होंने किस पार्टी को और क्यों वोट दिया है. यहां सवाल है कि ये एग्जिट पोल कितने सही होते हैं और इन्हें कैसे किया जाता है. इसे विस्तार से समझते हैं।
कैसे तैयार किए जाते हैं EXIT POLL?
एग्जिट पोल (EXIT POLL) में पोलिंग बूथ से निकल रहे मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने वोट किसको दिया है. उनकी राय के आधार पर EXIT POLL तैयार किए जाते हैं. वोटिंग को लेकर सवाल वोटर से पोलिंग बूथ से निकलते वक्त पूछा जाता है इसीलिए इसे EXIT POLL कहा जाता है. माना जाता है कि वोट डालने के बाद पोलिंग बूथ से निकलते वक्त वोटर सच बोलता है. इसी वजह से EXIT POLL के सटीक होने की संभावना ज्यादा होती है. पोलिंग बूथ से निकले वोटर्स से पूछे गए सवालों के आधार पर EXIT POLL तैयार किए जाते।
कौन करता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल प्राइवेट सर्वे कंपनियां और ज्यादातर मीडिया संस्थान कराते हैं. सरकारी एजेंसियां ऐसी किसी भी तरह की गतिविधि में भाग नहीं लेती हैं. एग्जिट पोल का नतीजों से कोई संबंध नहीं होता है. चुनाव आयोग आधिकारिक रूप से नतीजों की घोषणा करता है. ऐसे में जो आंकड़े चुनाव आयोग जारी करता है वहीं अंतिम और आधिकारिक माने जाते हैं.