नए घोषणा पत्र पर क्यों विश्वास करें..सरकार को बताना होगा..बोले किसान नेता धीरेन्द्र….किसानों को चाहिए लागत मूल्य का तोहफा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-भारतीय किसान संघ जिला ईकाई प्रमुख धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई में किसानों ने जिले के सभी 12 तहसीलों में एक साथ मुख्यमतं्री के नाम प्रशासन को मांग पत्र दिया। इस दौरान किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने लागत के अनुसार समर्थन मूल्य दिए जाने के साथ ही महंगाई भत्ता बढ़ाने के साथ ही बीमा योजना के तहत खेते को इकाई मानकर प्रति व्यवक्ति मूल्यांकन किए जाने की बात कही।  इस दौरान किसान नेता ने शासन प्रशासन पर किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाए जाने का भी आरोप लगाया।

11 सितंबर को भारतीय किसान संघ के आव्हान पर पूरे प्रदेश की सभी तहसीलों में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन को मांग पत्र दिया।  बिलासपुर जिले में जिले के किसानों ने जिले के सभी तहसील कार्यालय पहुंचकर किसानों की समस्याओं को रका। साथ ही शासन प्रशासन से किसानों की समस्या को जल्द से जल्द दूर किए जाने की बात कही।

किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि किसानों ने एक साथ बिलासपुर जिले के सभी 12 तहसीलों में अलग अलग प्रभारियों की अगुवाई में शासन को मांग पत्र दिए जाने के साथ ही समस्याओं से रूबरू कराया है। इसी क्रम में सकरी तहसील के किसानों ने तहसीलदार राकेश सिंह ठाकुर को केंद्र और  राज्य के विषयों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा है।

किसान संघ ने केंद्र सरकार से समर्थन मूल्य की जगह लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य दिए जाने की बात कही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को कर्मचारियों की तरह प्रतिवर्ष महंगाई में भत्ते की तरह बढ़ाए जाने पर जोर दिया है। मांग पत्र में बीमा योजना के तहत खेत को इकाई मानकर प्रति व्यक्ति मूल्यांकन की जाने की मांग को दुहराया है। धीरेन्द्र दुबे ने जोर देकर कहा कि कृषि कार्य पर लगने वाले यंत्र, दवा, बीज से जीएसटी हटाई जाए।  कृषि बजट अलग से पेश किया जाए। आईसीएआर द्वारा रिसर्च में प्राइवेट पार्टिसिपेशन का प्रावधान निरस्त किया जाए। ऐसा किए जाने से किसानों को बीज के लिए गुलाम नही होना पड़ेगा। नए बीजों के शोध पर बजट बढ़ाया जाए। आयात निर्यात नीति किसानों के हित में हो । बाजार बढ़ने की स्थिति में किसानों को लाभ हो।

किसान नेता ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने राज्य सरकार से किये वादे पूरा करने को कहा है। किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया…जिससे किसानों में नाराजगी है…और सरकार का कार्यकाल भी खत्म होने जा रहा है। धीरेन्द्र ने बताया कि सरकार के घोषणापत्र में कर्ज माफी और धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपए किए जाने का भारतीय किसान संघ प्रशंसा करता है। लेकिन इसके अतिरिक्त सरकार ने किसानों से किेए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया है। शराबबंदी जैसा बड़ा वादा सरकार ने आज भी पूरा नहीं किया है। इसके चलते आज गांव गांव में अवैध शराब की बिक्री खुलेआम हो रही है।

किसान नेता ने दुहराया कि महंगाई को देखते हुए राजीव गांधी न्याय योजना में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। धान का मूल्य कम से कम 3200 रूपए किए जाने की जरूरत है।  सिंचाई की सभी परियोजनाएं लंबित पड़ी है। सुतियापाट, अरपा भैंसाझार, क्रांति जलाशय आदि आज भी अधूरा है।  ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू तो किया गया लेकिन सरकार किसान के लिए किए गए पेंशन का वादा भूल गयी है। इसी तरह पूर्व सरकार का दो वर्ष का बोनस इंतजार किसान आज भी कर रहे है।

धीरेन्द्र ने कहा कि हमने अपने मांग पत्र मे स्पष्ट किया है कि चुनाव के पूर्व नया घोषणापत्र आने वाला है। जबकि पिछले घोषणापत्र के वायदे ही अभी तक  पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में किसान नए घोषणापत्र पर क्यों विश्वास करे..सरकार को बताना होगा। हम सरकार से उम्मीद करते हैं कि शेष कार्यकाल में सरकार किसानों के किये वादों को पूर्ण करे। इस दौरान जिला महिला प्रमुख वीना तिवारी ,जिला सहकारिता प्रमुख मनहरण साहू ,तखतपुर ब्लाक अध्यक्ष राकेश भोसले एवम ब्लाक महिला प्रमुख चमेली बाई प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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