नईदिल्ली।सुप्रीम कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता को लेकर आज बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि आधार कार्ड संवैधानिक तौर पर लागू रहेगा और यह निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी. आज जस्टिस सीकरी ने इस मामले पर अपना फैसला पढ़ना शुरू किया. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बच्चों के स्कूल एडमिशन के लिए आधार ज़रूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि UGC, NEET और CBSE परीक्षा के लिए आधार अनिवार्य नहीं है.
फैसला पढ़ते हुए जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज अच्छी हो, कुछ अलग भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड पर हमला करना लोगों के अधिकारों पर हमला करने के समान है.
सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण बातें
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आधार से बड़े वर्ग को फायदा होगा. कोर्ट ने माना कि आधार आम आदमी की पहचान है. ऑथेंटिकेशन डाटा सिर्फ 6 महीने तक ही रखा जा सकता है और बायोमीट्रिक डेटा की नकल नहीं की जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध प्रवासियों को आधार न दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पढ़ते वक्त कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है. कोर्ट का कहना है कि आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं, साथ ही समाज के हाशिये वाले वर्ग को आधार से ताकत.
आधार को लेकर कोर्ट में सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी का कहना है, ‘इस फैसले का असर बहुत दूर तक होगा, क्योंकि आधार बहुत-सी सब्सिडी से जुड़ा है. यह लूट और बरबादी को रोकने में भी कारगर है, जो होती रही हैं. मुझे उम्मीद है कि फैसला आधार के हक में आएगा. डेटा की सुरक्षा बेहद अहम है और सरकार यह स्पष्ट कर चुकी है कि वह डेटा की सुरक्षा करेगी. इस सिलसिले में कानून भी लाया जा रहा है.