ऋचा जोगी की जाति का मामला हाईकोर्ट पहुंचा , अधिनियम संशोधन और छानबीन समिति की नोटिस को चुनौती

Chief Editor
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बिलासपुर । पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहू और अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। ऋचा अमित जोगी ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें अधिनियम 2013 में हुए संशोधन और मुंगेली ज़िला छानबीन समिति की ओर से ज़ारी किए नोटिस को चुनौती दी गई है।

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जैसा कि मालूम है कि संतकुमार नेताम के द्वारा अपने वकील संदीप दुबे ,सुदीप श्रीवास्तव के माध्यम से कैविएट फ़ाइल की गई थी और आंशका जताई थी कि ऋचा अमित जोगी अपने जाति के संबंध में मुंगेली जिला जाति छानबीन समिति के द्वारा जाति की छानबीन के लिए 29 सितंबर एवं 8 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस को चुनौती दे सकती है । सोमवार को  ऋचा अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की  है ।  जिसमें उन्होने   अधिनियम 2013 में हुए संशोधन और जिला छानबीन समिति द्वारा जारी किए गए नोटिस को चुनौती दी है । जिसकी एक कॉपी संत कुमार  नेताम के वकील संदीप दुबे को उपलब्ध कराई गई  है  । याचिका में ऋचा ज़ोगी  ने बताया कि उनके पूर्वज 1950 के पूर्व से ही मुंगेली के पास रहते आ रहे है और सारे दस्तावेज में वो गोंड जाती के है  । उनके पति अमित जोगी और ससुर स्व. अजीत जोगी मरवाही से विधायक रहे है  । ससुर के निधन के कारण मरवाही सीट में उप चुनाव होने जा रहे है । उनके विरोधी सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी विद्द्वेष की भावना से काम करते हुए उनको ( ऋचा जोगी को )  मरवाही से चुनाव लड़ने से रोकना चाह रहे हैं।  इसके तहत जिला छानबीन समिति ने नोटिस जारी की है  । आज उसने 7 दिन का समय मांगा है । क्योकि कुछ दस्तावेज जो पंजीयक ऑफिस से चाहिये ।  जिसके लिए आवेदन ऑनलाइन लगाई है ,पर स्टाफ कोरोना पीड़ित होने के नाते ऑफ़िस बंद  है ।  इसलिए दस्तावेज पेश करने का समय मांगा है । फिर भी  ऐसा लग रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी उनकी जाति प्रमाण पत्र रद्द कर चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है ।

संत कुमार नेताम के वकील संदीप दुबे ने बताया कि अभी कॉपी मिली है । उच्च न्यायालय में केस की सुनवाई होगी तो हम शिकायत कर्ता के तरफ से अपना पक्ष रखेंगे।

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