ट्रेड यूनियन नेता ने पूछा… क्यों चुप है सोशल मीडिया के किसान नेता..कब बन्द होगा सब्जी उत्पादकों का अपमान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— ट्रेड यूनियन नेता पीआर यादव ने सब्जी उत्पाक किसानों की स्थिति पर चिंता जाहिर की है। उन्होने बताया कि समय आ गया है कि प्रशासन को सब्जी उत्पादकों की स्थिति को लेकर गंभीर होना होगा। यादव ने बृहस्पति बाजार से विस्थापित किसानों को लेकर गंभीर चिंता जाहिर करतेहुए ब्रोकरों के प्रति नाराजगी भी व्यक्त किया है।
 
                       ट्रेड यूनियन काउंसिल बिलासपुर के नेता पीआर यादव ने बताया कि शहर से जुड़े गांवों के सब्जी उत्पादक किसान शहर की जनता को ताजी सब्जियों की आपूर्ति शहर बसने की शुरुआत से कर रहे हैं। कुदुदंड, मंगला, चिंगराजपारा, चाँटिडीह पुराना बस स्टैंड, दयालबंद- मधुबन, तेलीपारा कुंदरू बाड़ी, चड्ढा बाड़ी एरिया के सब्जियों के खेत अभी भी लोगों को याद है। लेकिन अब अधिकांश स्थानों में सब्जियों के खेत की जगह कंक्रीट के जंगल उग आए हैं। फिर भी मंगला ,लोखंडी ,कोनी- सेंदरी आस-पास के गांव में किसान सब्जियाँ उगा रहे हैं। लेकिन इन किसानों को नगर निगम और जिला प्रशासन बाजार उपलब्ध कराने में विफल होते दिखाई दे रहा है। 
 
           पीआर यादव ने बताया कि शहर का तेजी से विस्तार हुआ है। शनिचरी, बुधवारी और बृहस्पति बाजार के छोटे से एरिया को छोड़कर दूसरा कोई भी बड़ा सब्जी बाजार शहर में नहीं है। उल्टा इन सब्जी बाजारों पर ब्रोकरों का कब्जा है।
  
                 नगर निगम क्षेत्र के सब्जी उत्पादक किसान या तो फेरी लगाकर सब्जी बेच रहे हैं या सब्जी को ओने -पौने भाव में ब्रोकर और व्यापारियों को बेचकर घर चले जाते हैं।  लम्बे समय से शहर को एक बड़ी सब्जी मण्डी की कमी महसूस हो रही है। लेकिन प्रशासन ने कभी ध्यान नहीं दिया। 
 
             यादव ने बताया कि आसपास के सब्जी उत्पादक किसान पिछले कुछ सालों से बृहस्पति बाजार में सुबह ताजी सब्जियां लेकर बजार लगाते रहे है। लेकिन कुछ दिनों पहले सब्जी  उत्पादक किसानों को बृहस्पति बाजार के व्यापारियों ने मारपीट कर भगा दिया। गुहार के बाद बिलासपुर  नगर निगम ने सब्जी उत्पादक किसानों को नेहरू नगर स्थित गणेश चौक में सब्जी बेचने का स्थान दिया। लेकिन यहां भी सब्जी उत्पादक किसानों को व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों के सामने बेइज्जती का सामना करना पड़ा।        
 
   यादव ने कहा कि शहर के तेजी से विकास हुआ, व्यवसायिक परिसर बने, लेकिन व्यवस्थित सब्जी बाजार बनाने की योजना कभी नही बनी। बीडीए ने जरूर व्यापार विहार में सब्जी मार्केट के लिए चबूतरे बनवाएं। लेकिन चबूतरों पर करोड़पति व्यापारियों ने षड़यंत्र कर कब्जा कर लिया है। यही कारण है कि 25 साल बीतने के बाद भी व्यापार विहार में सब्जी बाजार नहीं लग पाया है।
नगर निगम और जिला प्रशासन का सब्जी उत्पादक किसानों के प्रति तिरस्कार वाला रवैया नागरिकों को ताजी सब्जियों से वंचित कर रहा है। जबकि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
 
                 यादव ने  बताया कि धान को छोड़कर वैकल्पिक फसल उगाने की राज्य सरकार की नीति कागजों से निकलकर धरातल पर भी नहीं उतरी है।अखबारों और सोशल मीडिया में दिखने वाले किसान संगठन सब्जी उत्पादक किसानों के हक में आवाज उठाते दिखाई नहीं दे रहे हैं। । इसे दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहेंगे।
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