नगर निगम…2 दिन में होगा परिसीमन…7 दिन की दावा आपत्ती…70 वार्डों में बट जाएगी सवा 6 लाख आबादी

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—दो दिन के भीतर बिलासपुर नगर निगम परिसीमन का काम पूरा कर लिया जाएगा। जाहिर सी बात है कि इन दो दिनों में बिलासपुर निगम की आबादी भी बढ़ जाएगी। दो दिनों के भीतर ही 70 वार्डों का परिसीमन कर लिया जाएगा। इसके बाद नए नगर निगम की करीब सवा छः आबादी को वार्डों में भौगोलिक आधार पर बांट दिया जाएगा। जिला प्रशासन के अनुसार नए नगर निगम सीमा और वार्ड परिसीमन  के बाद दावा आपत्ती  के लिए लोगों को सात दिन दिए जाएँगे। इसके बाद रिपोर्ट को शासन के हवाले किया जाएगा। शासन रिपोर्ट को चुनाव आयोग के हवाले कर देगा।

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                         दो नगर पंचायत,एक नगर पालिका और पन्द्रह पंचायत जुड़ने के बाद बिलासपुर नगर निगम की भौगौलिक सीमा रायपुर के बाद दूसरे नम्बर होगी। इसके साथ ही आबादी के हिसाब से भी रायपुर के बाद बिलासपुर नगर निगम दूसरे स्थान पर आ जाएगा। नगर पंचायत,नगर पालिका और पंचायतों की आबादी जुड़ने से बिलासपुर नगर निगम की जनसंख्या करीब 6 लाख बीस हजार से अधिक हो जाएगी।

                                             दावा आपत्ती सुनने के बाद शासन ने दो दिन पहले ही बिलासपुर नगर निगम के क्षेत्र में दो नगर पंचायत,एक नगर पालिका समेत पन्द्रह ग्राम पंचायतों को जोड़ दिया है। आबादी के हिसाब से नगर निगम में तीन बड़ी आबादी वाले क्षेत्र तिफरा, लिंगियाडीह और देवरीखुर्द को प्रमुखता से जोड़ा गया है।

दो दिन में परिसीमन और वार्डों का बंटवारा

                            परिसीमन के लिए बनाए गए नोडल अधिकारी बीएस उइके और एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने बताया कि दो दिनों के अन्दर शासन को परिसीमन रिपोर्ट सौंप दिया जाएगा। परिसीमन के बाद निगम की कुल जनसंख्या को 70 वार्डों में बांटा जाएगा। नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर उइके ने बताया कि परिसीमन कार्य में निगम प्रशासन को शामिल किया गया है। 49 टीम परिसीमन का काम युद्ध स्तर पर कर रही है।

भौगौलिक क्षेत्रों को प्राथमिकता

              अपर कलेक्टर बीएस उइके और एसडीएम ने जानकारी दी कि परिसीमन और वार्ड निर्धारण के समय शासन के निर्देशानुसार भौगोलिक क्षेत्र की स्थितियों को प्राथमिकता से ध्यान दिया जाएगा। जनसंख्या और मतदाताओं की संख्या को भी ध्यान दिया जाएगा। यद्यपि कुछ जानकारी मिली रही है कि कुछ क्षेत्रो में जनसंख्या को कमकर बताया गया है। लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि परिसीमन  के समय सभी पहलुओं पर ध्यान देने के साथ ही विचार किया जाएगा्। शासन के निर्देश पर  इस बात पर जरूर गौर किया जाएगा कि वार्ड निर्धारण के समय एक वार्ड का दायरा सड़क सीमा या पहचान क्षेत्र के भीतर रहे। संभव है कि कहीं आबादी कम और क्षेत्र बड़ा हो…ऐसी सूरत में जनसंख्या को प्राथमिकता में शामिल किया जाएगा।

                               उइके ने बताया कि नियमानुसार सभी वार्डों की संख्या को बराबर रखने का प्रयास होगा। शहर में शामिल किए गए कुछ गांवों की आबादी अधिक है तो कुछ की उम्मीद से कम। ऐसी सूरत में दो गांवों या आस पास के क्षेत्रों को मिलाकर एक वार्ड बनाया जाए। यह भी संभव होगा कि घनी आबादी और पुराने वार्डों में कुछ बदलाव की स्थिति नजर आए।

                                  उइके ने यह भी बताया कि हमारा ध्यान भौगौलिक परिसीमन पर अधिक होगा। वार्ड बनते समय जनसंख्या पर भी गौर किया जाएगा। जरूरी बदलाव से भी इंकार नहीं किया जाएगा।

दावा आपत्ती के बाद अंतिम निर्णय

                              नोडर अधिकारी बीएस उइके ने बताया कि दो दिन परिसीमन कार्रवाई के बाद इश्तेहार निकाला जाएगा। लोगों को दावा आपत्ति का कम से कम सात दिन का समय दिया जाएगा। इन सात दिनों में लोगों की शिकायतों और दावों पर गंभीरता से गौर किया जाएगा। समस्या निदान के बाद अंतिम रिपोर्ट शासन के हवाले कर दिया जाएगा।

जनसंख्या अनुपात में दस प्रतिशत अन्तर की संभावना

                 मामले में अपर कलेक्टर और एसडीएम ने बताया कि वार्ड निर्धारण के समय दस प्रतिशत अन्तर की संभावना हो सकती है। हो सकता है कि किसी वार्ड की जनसंख्या दस प्रतिशत अधिक और किसी की कम हो। इसकी मूल वजह भौगौलिक सीमा होगी। लेकिन कोशिश होगी की अन्तर बहुत अधिक ना हो। लेकिन यह निश्चित है कि पुराने 65 में से कई वार्डों की सूरत और सीरत जरूर बदलेगी। शहर के सीमा वाले वार्डों से नए क्षेत्र के जुडने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

सारे अधिकार लम्बित

                 अपर कलेक्टर ने जानकारी दी कि जिन क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने का एलान किया गया है। उनके सारे प्रशासनिक अधिकार इस समय निगम और प्रशासन के हाथ में आ गया है। परिसीमन और वार्ड निर्धारण के बाद चुनाव होंगे। चुनाव की तैयारी भी चल रही है। मतदाताओं की सूची भी जल्द निर्धारित कर प्रकाशित किए जाएँगे। केवल अधिकार क्षेत्र में बदलाव हुआ है..विकास कार्य पूर्व की तरह चल रहे हैं।

देवरीखुर्द जनसंख्या विवाद

नोडल अधिकारी और एसडीएम ने बताया कि यह सच है कि प्रकाशन में देवरीखुर्द की वर्तमान आबादी को कम बताया गया है। लेकिन यह भी सच है कि यह आबादी पुराने आंकड़े के आधार पर है। लेकिन भौगोलिक सत्यापन में सारे मामले स्पष्ट हो जाएंगे। इसके बाद दावा आपत्ती का भी समय रहेगा। लोग अपनी शिकायतो को पेश कर सकेंगे।

देवरीखुर्द उप सरपंच की आपत्ती

देवरीखुर्द उप सरपंच और कांग्रेस नेता ब्रम्हदेव सिंह ने बताया कि राजपत्र में देवरीखुर्द की जनसंख्या को कम कर बताया गया है। सच्चाई तो यह है कि देवरीखुर्द की जनसंख्या इस समय तीस हजार से अधिक है। कुल मतदाताओं की संख्या 10 हजार से अधिक है। ब्रम्हदेव ने बताया कि यदि फार्मुला पर गौर करें तो देवरीखुर्द की आबादी इतनी है कि अकेले वार्ड बन जाए। हम दावा आपत्ती के समय अपनी बातों को गंभीरता के साथ रखेंगे।

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