रायपुर—मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष,वरिष्ठ कांग्रेस नेता इकबाल अहमद रिजवी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के विचारों का समर्थन करता हूं। इकबाल रिजवी ने बताया कि कार्यपालिका और न्यायपालिका पर एक.दूसरे के क्षेत्राधिकार समेत राष्ट्रहित पर भारत के लिए काम करते हैं। रिजवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जो कुछ कहा उससे मैं इत्तफाक रखता हूं। देश की अस्मिता सर्वोपरि है और इसके लिए निस्वार्थ और निष्पक्ष रहना बहुत जरूरी है।
रिजवी ने कहा कि यह सच है कि कार्यपालिका के फेल होने पर न्यायपालिका का निष्पक्ष दखल जरूरी है। अन्यथा कार्यपालिका निरंकुश हो जायेगी। देश का हर वर्ग, क्षेत्, शासन और प्रशासन अपनी ढपली अपना राग बजाने लगेंगे। चारो तरफ मनमानी का आलम होगा। ऐसे में न्यायपालिका का न्यायोचित हस्तक्षेप आवश्यक है।
आम चर्चा है कि कार्यपालिका के क्षेत्र में किसी न किसी रूप में शासन प्रशासन राजनैतिक दल और वर्ग विशेष का स्वार्थ निहित रहता है। इसके पलट न्यायपालिका न्यायहि और निष्पक्षता की सदैव पक्षधर है। कार्यपालिका के निर्णय से असंतुष्ट व्यक्ति के लिए केवल न्यायपालिका का ही दरवाजा खुला रहता है। असंतुष्टों के लिए न्यायपालिका से मार्गदर्शन मिलता है। कार्यपालिका के निर्णय के विरूद्ध ही व्यक्ति न्यायपालिका की शरण में जाने को बाध्य है। यही कारण है कि अदालतों में प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। कार्यपालिका और न्यायपालिका का साथ एवं समन्वय की आवश्यकता है।