बिलासपुर— जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में नगर पालिका रतनपुर कांग्रेस पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर की अनुपस्थिति में एडिश्नल कलेक्टर बी.एस.उइके और पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल से मुलाकात की। दोनों अधिकारियों से अलग अलग मुलाकात के दौरान विजय केशरवानी ने बताया कि लाकडाउन के दौरान पार्षद निधि से खरीदे गए राशन प्रक्रिया की जांच की जाए। जानकारी के अनुसार ताजा हालात में राशन वितरण और खरीदी को लेकर काफी धांधली हो रही है। इसलिए मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में रतनपुर कांग्रेस पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल एडिश्नल कलेक्टर और पुलिस कप्तान से मिला। विजय केशरवानी ने दोनों अधिकारियों से अलग अलग मुलाकात कर बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिले के नगरीय निकायों में लाकडाउन के दौोरान बिना राशनकार्ड धारियों के बीच पार्षद निधि से सम्पूर्ण प्रदेश में राशन वितरण का फैसला किया गया।
लाकडाउन के दौरान पार्षद निधि से गरीबों के बीच जगह-जगह बिना राशनकार्डधारियों के बीच राशन का वितरण किया गया। लेकिन दो दिन पहले रतनपुर नगर पालिका कार्यालय स्थित अध्यक्ष के कमरे और शौचालय में भारी मात्रा में पीडीएस का चावल मिला है। इसके बाद लोगों में गहरा आक्रोश है। विजय ने बताया कि सीएम के निर्देश पर रतनपुर में सभी पार्षदों ने गरीबों के बीच राशन वितरण के लिए पार्षद निधि से रूपए दिए। लेकिन किसी को भी राशन नहीं दिया गया। अध्यक्ष के कमरे और शौचालय में भारी मात्रा में पीडीएस चावल के मिलने से लोगों को विश्वास हो गया है कि राशन वितरण के दौरान भारी धांधली हुई है।
प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी दी कि नगर पालिका अध्यक्ष के चैम्बर और शौचालय में बरामद चावल के बोरे पर आनंद मिल कोटा का सील सिक्का लगा है। लांट नंबर 3223 भी दर्ज है। चावल पकड़े जाने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि चावल वितरण के लिए रखा गया है।
जबकि छापामार कार्रवाई के दौरान जानकारी मिली है कि नगर पालिका ने चावल वितरण को लेकर टेंडर निकाला था। वर्क आर्डर भी जारी किया था। लेकिन जिसके नाम वर्क आर्डर जारी किया गया उसे ही नहीं मालूम कि उसे चावल वितरण का ठेका मिला है। इससे जाहिर होता है कि नगरपालिका अध्यक्ष भाजपा नेता घनश्याम रात्रे ने सरकारी चावल की तस्करी की है। पार्षद निधि में भ्रष्टाचार किया है। निश्चित रूप से गंभीर अपराध है।
रतनपुर नगरपालिका की घटना से सभी निकायों में पार्षद निधि से राशन वितरण को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। ऐसा लगता है कि राशन दुकान संचालकों से मिलीभगत कर अधिकारी और भाजपा नेता सरकारी चावल को रिसाइकल कर गरीबों में बांट रहे हैं। और पार्षद निधि का बंदरबांट कर रहे हैं।
विजय केशरवानी ने एडिश्नल कलेक्टर से मांग किया कि मामला गंभीर है। खाद्य विभाग को निर्देश करें कि सभी निकायों में पार्षद निधि से चावल खरीदी स्रोत का पता लगाएं। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
प्रतिनिधिमण्डल के नेताओं ने उइके को बताया कि जानकारी के अनुसार जिले के कमोबेश सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानों में स्टाक में भारी कमी की शिकायत मिल रही है। इससे जाहिर होता है कि निकायों में राशन दुकानों का ही चावल वितरित किया जा रहा है। भाजपा से जुड़े दुकान संचालकों की भूमिका इसमें अहम है। क्योंकि हमने तात्कालीन लोकसभा चुनाव के दौरान के दौरान नमक और राशन का जानबूझकर शार्टेज होते देखा है। एक बार फिर कांग्रेस सरकार की जनहित योजना में राशन दुकानदार पलीता लगा रहे हैं। ऐसे दुकानदारों की गतिविधियों की अलग से जांच बहुत जरूरी है।
जांच समिति करेगी जांच
मुलाकात के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि एडिश्नल कलेक्टर उइके ने आश्वुासन दिया है कि मामले में जांच करेंगे। रतनपुर ही नहीं बल्कि जिले की सभी राशनदुकानों का स्टाक भी चेक करेंगे। स्रोत का भी पता लगाएंगे। जांच के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी के सदस्यों का नाम जल्द ही बताएंगे।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोग
प्रतिनिधिनमंडल में विजय केशरवानी के अलावा पार्षद रामगोपाल कहरा वार्ड9, रमेश सूर्य वार्ड 14,बिरिज मरावी वार्ड 15, संजय कोसले वार्ड 11,पार्वती सन्तोष कुम्हार वार्ड 13,खुशाल अनुरागी वार्ड 10,नीतू सिंह वार्ड 2 समेत अन्य लोग भी शामिल थे।
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