हमर राज पार्टी प्रत्यााशी सुदीप..कांग्रेस,भाजपा प्रत्याशियों को कहा..चुका हुआ कारतूस बताया…नेताम ने बताया..सभी सरकारों ने किया शोषण

Editor

बिलासपुर—आजादी के वर्षों बाद भी आदिवासियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। आज भी आदिवासी समाज मूलभूत सुविधाओं का इंतजार कर रहा है। लेकिन सरकार हमेशा से आदिवासियों से दूरी बनाकर रखी है। यह बातें पूर्व मंत्री अरविन्द नेताम ने बिलासपुर प्रवास के दौरान कही। अरविन्द नेताम ने बताया कि हमारी पार्टी नई है। लेकिन सभी को साथ लेकर चलेगी। प्रदेश के समग्र विकास का मंत्र के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। पत्रकारों को नई पार्टी हमर राज के बैनर तले चुनाव लड़ रहे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी को चुका हुआ कारतूस बताया।

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 हमर राज पार्टी के संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम अल्प प्रवास पर बिलासपुर पहुंचे। इस दौरान ने उन्होने पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होने सवाल जवाब के दौरान बताया कि आदिवासी इलाकों में समस्याएं आज भी पहले की ही तरह है। बल्कि सरकारों की उदासीनता के चलते परेशानियां आज कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। खासकर राज्य बनने के बाद आदिवासियों की स्थिति में किसी प्रकार का सुधार नहीं आया है।

अरविन्द नेताम ने बताया कि हमर राज पार्टी नई है। हम सभी को साथ लेकर चलने का इरादा लेकर आए हैं। ना केवल आदिवासी बल्कि सभी के लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर पार्टी का गठन किया गया है। हमारी पार्टी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए चुनाव मैदान में उतरी है।

हमर राज पार्टी के संथापक नेताम ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने क्षेत्रीय समस्याओं की तरफ कभी ध्यान नहीं दिया। इसके चलते लोगों की समस्याएं बढ़ी हैं। जल जंगल जमीन खतरे में है। पब्लिक सेक्टर को ठेकेदारों के हवाले किया जा रहा है। जो कुछ बचा है उसे भी पूंजीपतियों के हवाले करने की रणनीति तैयार हो रही है।

जैसे ही सारी चीजों का प्राइवेटाईजेशन होगा सभी चीजे हाथ से निकल जाएगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासन काल 1996 में पेशा कानून बनाया गया था। कानून को कांग्रेस पार्टी ने ही खत्म कर दिया। पेसा कानून के बावजूद बिना ग्राम सभा की अनुमति से खदानों के लाइसेंस दिए जा रहे हैं। आदिवासी इलाके में रहने वाले आदिवासियों की सुविधाओं को खत्म किया जा रहा है।

नेताम ने बताया कि दोनों प्रमुख पार्टी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। हसदेव के जंगल को बचाया जाना बहुत जरूरी है। जंगल में साल के पेड़ लगाए नहीं जा सकते हैं। क्योंकि साल अपने आप उगते हैं। बावजूद इसके साल के पेड़ों को काटा जा रहा है। जंगल को साफ किया जा रहा है। इसका भुगतान जनता को ही चुकाना होगा। हमर राज पार्टी में अच्छे लोगों की जरूरत है। सुदीप श्रीवास्तव जैसे लोग मिलते जाएंगे तो पार्टी मजबूत होगी। एक दिन ऐसा होगा कि हमर राज पार्टी दूसरी पार्टियों को पीछे छोड़ देगी।

 पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकबर राम कोर्राम ने कहा कि करीब 12 राज्यों का दौरा करने के बाद हमने यही पाया कि हर जगह आदिवासियों की हालत खराब है। प्रत्याशी तैयार कर उन्हें चुनाव लड़ाया जा रहा हैं। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे राज्यों में भी पार्टी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लडवा रही है। किसी भी ग्राम पंचायत में जाकर देखों…पंचायत प्रतिनिधियों की बजाय सभी काम ठेकेदारों से करवाया जा रहा है।  चाहे छत्तीसगढ़ के आदिवासी हो या किसी अन्य प्रदेश के सभी जगह आदिवासियों को  बुनियादी सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।

कोर्राम ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में स्कूल बंद है, छात्रावासो में ठूंस ठूंस  कर छात्र-छात्राओं को भरा गया है। आदिवासियों की हालत बहुत खऱाब है।

इस मौके पर बिलासपुर लोकसभा प्रत्याशी सुदीप श्रीवास्तव ने भी पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। उन्होने कहा कि बिलासपुर का राजनीतिक वजन अविभाजित मध्य प्रदेश के पहले से ही रहा है। राज्य बनने के बाद यह जिला महत्वपूर्ण रहा। अंग्रेजों के समय जब बिलासपुर की उपेक्षा हुई थी तब अंग्रेजों ने भी बिलासपुर की लड़ाई लड़ी और कमिश्नरी बिलासपुर में स्थापित कराया। श्रीवास्तव ने बीजेपी कांग्रेस को रस्म अदायगी पार्टी बताया।  उन्होने कहा कि दोनों पार्टियों के प्रत्याशी बाहरी हैं। दुर्ग से आया प्रत्याशी बीएसपी के कब्जे से लोगों की जमीन को फ्री नहीं करवा सका।  इसलिए भाग कर बिलासपुर आ गया है।

इसी तरह भाजपा का प्रत्याशी भी बाहर से है। दोनो प्रत्याशियों की स्थिति चुके हुए कारतूस जैसी है। सुदीप ने बताया कि इस समय संविधान खत्म होने की चर्चा हो रही है। 1947 के संविधान सभा में 70 फ़ीसदी वकील हुआ करते थे। आज इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने मान लिया है कि किसी को भी वे चुनाव मैदान में उतार देंगे,पब्लिक उन्ही को वोट देगी। इस धारणा को तोड़ने के लिए ही तीसरी पार्टी की आवश्यकता है। वह खुद हमर राज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।

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