कोंडागांव। विकासखण्ड फरसगांव के दूरस्थ सीमावर्ती गांव मैनपुर से लेकर ब्लाॅक केशकाल के सीमा पर स्थित कानागांव के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं का जिला कलेक्टर नीलकंठ टेकाम ने निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर ने स्वंय शाला में जाकर उपस्थित छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक स्तर को परखने के लिए उनकी कक्षाऐं ली और उनसे कोर्स से संबंधित सवाल पूछे।जिला कलेक्टर ने मौके पर शैक्षणिक कार्य में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश देते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नियमानुसार कार्यवाही की जाएंगी। औचक निरीक्षण के दौरान कई प्राथमिक शालाओं में जिला कलेक्टर द्वारा पूछे गए प्रश्नों का छात्रों ने सही-सही जवाब दिया। कलेक्टर के नेतृत्व में ग्राम कोण्डापखना, बड़गई, बड़ेओड़ागांव, चिंगनार, भोंगापाल, कानागांव के स्कूलों का भी निरीक्षण करते हुए शिक्षको को निर्देश दिए।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे
ग्राम भोंगापाल के उच्चतर माध्यमिक शालाओं में शिक्षको की भर्राशाही भी देखने को मिली। जहां एक स्वीपर के भरोसे ही स्कूल एवं छात्रों को छोड़ दिया गया था। इस पर जिला कलेक्टर द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस कार्यवाही के फलस्वरुप इनमें अनुपस्थित शिक्षक संतुराम नेताम एवं प्रधान अध्यापक चंद्रहास मरकाम का एक दिन का वेतन काटने के अलावा दो अतिथि शिक्षकों अरुण कुमार घोष, उमेश कुमार मरकाम को सेवा से पृथक कर दिया गया। इसके अलावा बीईओ तीजूराम सिन्हा की एक वेतनवृद्धि असचंयी प्रभाव से रोकने के भी निर्देश जिला कलेक्टर द्वारा दिए गए। जिला कलेक्टर द्वारा इस दौरान संकेत दिया गया कि सभी विकासखण्डों की शालाओं में इस प्रकार के औचक निरीक्षण लगातार जारी रहेंगे।