रायपुर । कमलेश्वर सिंह प्रान्ताध्यक्ष छ.ग.व्यख्याता(पंचायत )संघ एवम् संचालक एकता मंच ने कहा है कि छत्तसीगढ़ शासन लोकशिक्षण संचानलाय के अधिकारियो को राजस्थान शिक्षा विभाग में संविलयन की प्रक्रिया का अध्ययन करने भेजा है जो कि स्वागत योग्य है ।किसी भी राज्य की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन करने में कोई आपत्ति नही है । परन्तु छत्तीसगढ़ में शिक्षा कर्मियो का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षक ,शिक्षक,एवम् व्यख्याता के नियमित पद पर की जाये ।
उन्होने एक बयान में कहा कि देश के विभिन्न राज्यो में शिक्षा विभाग की अलग अलग पद संरचना होती है । अलग – अलग वेतनमान एवम् सुविधाये दी जाती है । जो दूसरे राज्य में समान्यतः लागू नही किया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग का सेटअप अलग है तथा वेतनमान में भी भिन्नता है ।छ.ग.में सहायक शिक्षक 4000-100-6000को पुनरिक्षित वेतनमान में 5200-20200+2440,शिक्षक 5000-150-8000को9300-34800+ 4200व्यख्याता 5500-175-9000 को 9300-34800+4300 वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में रखा है । जबकि राजस्थान में क्रमशःसहायक शिक्षक 5200-20200+2400,शिक्षक9300- 34800+3200,व्यख्याता को 9300-34800+3600 वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में रखा गया है ।राजस्थान प्राथमिक एवम् माध्यमिक शिक्षा को पंचायत के अधीन तथा हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी को स्कूल शिक्षा विभाग में रखा गया है । शिक्षा विभाग में संविलयन करने पर उ.वर्ग शिक्षक का 4200 और व्यख्याता का 4800 ग्रेड पे प्रारम्भिक वेतन दे रहा है ।
चूँकि छत्तीसगढ़ में शिक्षा कर्मियो को शिक्षा विभाग में संविलयन किया जाने से पूर्व प्रथम एवम् दुवितीय उच्चतर वेतन मान (क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन पुनरीक्षण ) दिया जाता है तो यहाँ सहायक शिक्षक (पं)को 9300-34809+4200,शिक्षक(पं)को 9300-34800+4400,व्यख्याता(पं) को 9300-34800+4800 वैसे ही मिलेगा ।अतः राजस्थान मॉडल से अच्छा छत्तीसगढ़ मॉडल ठीक है ।
कमलेश्वर सिंह ने मुख्यमन्त्री एवम् मुख्य सचिव को शिक्षा कर्मियो का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन का रोड मैप सौपा है । जिसमे उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश प्रकरण क्रमांक 4 एस एस सी दिनांक 10 .04.2006 में सचिव कर्नाटक राज्य विरुद्ध उमा देवी एवम् अन्य में पारित निर्णय के तहत छ.ग.शासन द्वारा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति से शासकीय कर्मचारी के रूप नियमित किया है… का उल्लेख करते हुए शिक्षा कर्मियो को भी उनकी प्रथम नियुक्ति तिथि से जिस पद पद पर कार्यभार ग्रहण किया है उसी पद पर स्कूल शिक्षा विभाग के नियमित पद पर संविलयन करते हुए उस पद का पुनरिक्षित वेतनमान एवम् अन्य सुविधायें देने की मांग की है ।उन्होंने मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्रमांक 3621/एस/एसई /94 भोपाल दिनांक 30.7.1994 के बिंदु क्रमांक 07 में तीनो वर्गो के शिक्षा कर्मियो को लगातार 05 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शासकीय शिक्षक बनाने का आदेश किया है…. का भी उल्लेख किया है ।चूँकि मध्यप्रदेश शासन ने शिक्षा कर्मियो का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है अतः श्री सिंह ने मुख्यमन्त्री से निवेदन किया है कि छत्तीसगढ़ में भी संविलयन की शीघ्र घोषणा कर अग्रिम कार्यवाही करने का आदेश जारी करें ।