रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है कि आम जनता को विभिन्न बीमारियों के सस्ते और अच्छे इलाज के लिए जेनरिक दवाईयां नियमित रूप से उपलब्ध हों, सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर अपने मरीजों को जेनरिक दवाईयां अनिवार्य रूप से लिखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य में संचालित जनऔषधि केन्द्रों में जेनरिक दवाईयों का पर्याप्त स्टाक रखा जाए। मुख्यमंत्री सोमवार को दोपहर यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में स्वास्थ्य विभाग के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों को रायगढ़ और राजनांदगांव में तक सौ-सौ बिस्तरों के जिला अस्पताल जल्द आगामी अगस्त माह तक शुरू करने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिला मुख्यालयों में मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं और पूर्व में संचालित जिला अस्पतालों को इन मेडिकल कॉलेजो से सम्बद्ध किया गया है। मुख्यमंत्री ने आज की समीक्षा बैठक में प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों- रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जशपुर, कांकेर, धमतरी, कोरबा और महासमुंद में संचालित शासकीय जिला अस्पतालों को आधुनिक अस्पताल के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की चिरायु परियोजना के तहत स्कूली बच्चों और आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के सिकलसेल रक्त परीक्षण की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि चिरायु परियोजना के तहत प्रथम चरण में 63 लाख और दूसरे चरण में 37 लाख से अधिक बच्चों का उनके स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। इस परियोजना के लिए 292 चिरायु वाहन भी संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग की मितानिनों का मानदेय सीधे उनके बैंक खातों में जमा करवाने के भी निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री अजय चन्द्राकर, मुख्य सचिव विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव एन. बैजेन्द्र कुमार और स्वास्थ्य विभाग के सचिव विकासशील सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।