बिल्हा जनपद में 11 लाख का घोटाला..1महीने पहले सीईओ ने दिया fir का आदेश.प्रकरण अब तक दर्ज नहीं..मामले दबाने फाइल को किया गायब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— जनपद पंचायत बिल्हा में बीआरजीएफ योजना में 11 लाख रूपयों का घोटाला सामने आया है। तीन सदस्यी जांच रिपोर्ट के बाद जिला पंचायत सीईओ ने एक महीने पहले एफआईआर का आदेश दिया। 1 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक किसी के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं किया गया है।

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             जानकारी देते चलें की बीआरजीएफ छत्तीसगढ़ सरकार की पुरानी योजना है। योजना के तहत बिल्हा जनपद पंचायत में 11 लाख रूपये जमा थे। इसी बीच योजना खत्म हो गयी। योजना राशि को नियमानुसार उच्च अधिकारियों के निर्देश पर दूसरे मद में जमा करना था। बावजूद इसके बिल्हा जनपद पंचायत के बाबुओ ने योजना की राशि को पचा लिया। राशि खर्च का ना तो बिल जमा किया और ना ही बाउचर ही पेश किया। मामले में जब हो हल्ला हुआ तो जिला पंचायत ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच का आदेश दिया।

               मामला साल भर पुराना है। मामले में टीम ने जांच पड़ताल के बाद भारी भरकम रिपोर्ट को जमा किया। लेकिन प्रभावित लोगों ने जोड़ जुगत भिड़ाकर रिपोर्ट को ना सामने आने दिया। और ना ही कार्रवाई को लेकर किसी प्रकार का प्रयास ही करने दिया। लेकिन मामला ठंडे बस्ते में जाने से पहले ही जिला पंचायत सीईओ हरीश एस ने रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए दोषी के खिलाफ एफआईआर का फरमान जारी कर दिया। 

                           बताते चलें कि बीआरजीएफ में जमा 11 लाख राशि में घोटाला की शिकायत जनपद पंचायत उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने किया था। तत्कालीन समय इस बात को लेकर विक्रम ने मद में जमा 31 लाख राशि की हेराफेरी और गबन करने का आरोप लगाया था।

                         विक्रम सिंह ने लिखित शिकायत में जिला पंचायत तत्कालीन सीईओ गजेन्द्र सिंह को बताया था कि जनपद पंचायत बिल्हा की बीआरजीएफ योजना की राशि पंजाब नेशनल बैंक के खाता में जमा थी। लेकिन अधिकारी और बाबू ने मिलकर एक कम्प्यूटर संस्थान के नाम से 11 लाख रूपयो से अधिक राशि आकस्मिक मद से निकाला है।विक्रम ने बताया कि जबकि सांसद , विधायक, शिक्षा और समग्र विकास मद में भी राशि जमा है। इस राशि को इन सभी मदों से भी निकाला जा सकता था। बावजूद ऐसा नहीं किया गया। क्योंकि बीआरजीएफ योजना बन्द हो गयी है। इसलिए योजना की बची राशि को ठिकाने लगाने के लिए घोटाला किया गया। जनपद पंचायत के जिम्मेदार लोगों ने मिलकर बीआरजीएफ योजना से करीब 20 लाख रूपये अन्य कार्यों के लिए निकाला। 

 नहीं हुआ सीईओ का बयान    

जनपद पंचायत बिल्हा उपाध्यक्ष विक्रम सिंह की शिकायत के बाद बीआरजीएफ योजना में घोटाला को लेकर तीन सदस्यीय जांच टीम ने कई लोगों से पूछताछ की। इस दौरान जनपद उपाध्यक्ष विक्रम सिंह समेत जनपद पंचायत के बाबुओ और संबधितों से पूछताछ के बाद बयान दर्ज किया गया। लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी बीआर वर्मा का बयान नहीं हुआ। लेकिन टीम ने उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर जिला पंचायत के हवाले कर दिया। 

 तत्कालीन सीईओ ने दिया था जांच का आदेश

        विक्रम सिंह की शिकायत के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ रितेश अग्रवाल ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर जांच का आदेश दिया था। टीम ने कुछ महीने बाद रिपोर्ट तत्कालीन सीईओ गजेन्द्र सिंह के हवाले किया। रिपोर्ट को तत्कालीन सीईओ ने गंभीरता से नही लिया। रिपोर्ट के अनुसार बीआरजीएफ योजना की राशि में भारी भरकम घोटाला हुआ है। अन्य मद होने के बाद भी बीआरजीएफ योजना की राशि को गुपचुप तरिकर से ठिकाना लगा दिया गया। राशि को अनाप शनाप सामानों में खर्च किया गया। गुगल मैच अपलोड पर 5 लाख का खर्च किया जाना सामने आया है। इसके अलावा 6 लाख खर्च की बात जांच सामने आयी। लेकिन बिल नहीं पेश किया गया है। टीम की रिपोर्ट के अनुसार योजना से करीब 20 लाख रूपये खर्च हुए हैं। लेकिन 11 लाख रूपयों का कहीं हिसाब नहीं है। राशि बोगस और फर्जी बिल के सहारे आहरण किया गया है। 

 11 लाख जमा कर रिपोर्ट दबाने का प्रयास 

              जानकारी के अनुसार रिपोर्ट पेश होने, के बाद दबाने का प्रयास किया गया। गोटाले में जनपद पंचायत के बाबू की भूमिका अहम है। लेकिन जब जिला पंचायत सीईओ ने एफआईआर का आदेश दिया तो दोषियों ने कार्रवाई से बचने के लिए आनन फानन में 11 लाख रूपये जमा कर दिए। बताते चलें कि रिपोर्ट में बताया गया है कि 11 लाख रूपयों का कोई हिसाब किताब नहीं है। इस राशि को बोगस बिल से निकाला गया है।

रिपोर्ट की फाइल गायब

                     रिपोर्ट जमा होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होनी की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ ने रिपोर्ट को तलब किया। काफी छानबीन के बाद जानकारी मिली कि रिपोर्ट की मूल प्रति जिला पंचायत से गायब हो गयी है। काफी दबाव के बाद प्रतिलिपि को आडिट विभाग से निकाला गया। रिपोर्ट पढ़ने के बाद सीईओ हरीश एस ने दोषियों पर तत्काल एफआईआर करने का आदेश दिया।

एफआईआर का आदेश..सीईओ ने क्या कहा

            सीईओ हरीश एस ने कहा कि रिपोर्ट को पढ़ने के बाद दोषी बाबू और संबधित पर एफआईआर का आदेश दिया है। रिपोर्ट के अनुसार बीआरजीएफ मद में जमकर घोटाला हुआ है। दोषी पर कार्रवाई करेंगे

अब तक नहीं हुआ एफआईआर

          रिपोर्ट दबाने के प्रयास में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। खबर है कि जल्द ही आरोपी बाबू के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।

           

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