याद किया जाएगा 22 वां राज्योत्सवः मेयर ही नहीं..अतिथि का भी हुआ अपमान?.पोस्टर से विधायक गायब..नहीं पढ़ा गया स्वागत भाषण.निरीक्षण के दौरान अधिकारी भीगायब

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—एक नवम्बर को 22 वां राज्योत्सव प्रदेश में धूमधाम से मनाया गया। बिलासपुर में भी एक दिवसीय राज्योस्तव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हमेशा की तरह पुलिस लाइन में आयोजित राज्योत्सव कार्यक्रम..पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ ज्यादा ही अलग रहा। मेयर ही नहीं मुख्य अतिथि का भी अपमान हुआ। कार्यक्रम में दो दर्जन से अधिक संख्या मे मौजूद जिला प्रशासन के आलाधिकारी निरीक्षण के दौरान मुख्य अतिथि के साथ किसी भी स्टॉल में नजर नहीं आए। शहर में इस बात को लेकर जमकर चर्चा है। 

                   एक दिसम्बर को प्रदेश में धूमधाम से राज्योत्सव पर्व मनाया गया। गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश के कमोबेश सभी जिलों में आयोजित कार्यक्रम का मुख्यअतिथि ने पहुंच कर शुभारम्भ किया। इसी क्रम में बिलासपुर स्थित पुलिस लाइन मैदान में संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। साथ ही मैदान में लगाए गए सभी 31 शासकीय स्टॉल का निरीक्षण किया। शासन की योजनाओं के क्रियान्यवयन को लेकर विभागीय स्टाल में मौजूद लोगों से संवाद भी किया।

                                 कार्यक्रम शुभारम्भ होने से पहले मुख्य अतिथि रश्मि आशीष सिंह ने बारी बारी से सभी 31 स्टॉल का निरीक्षण किया। नियमानुसार निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान आलाधिकारियों के अलावा कार्यक्रम के आयोजक निगम कमिश्नर को मुख्य अतिथि के साथ मौजूद रहना चाहिए था। लेकिन निगम कमिश्नर अन्य अधिकारियों के साथ मंच के इर्ग गीर्द नजर आए। ऐसा पहली बार हुआ कि मुख्य अतिथि संगठन पदाधिकारियों के साथ स्टॉल का निरीक्षण किया। इस बात को लेकर पार्षद समेत अन्य अधिकारियों में जमकर चर्चा है।

नहीं पढ़ा गया स्वागत भाषण

                 जैसा की नियम और निर्देश है कि राज्योत्सव जैसे बढ़े कार्यक्रम में आयोजकों की तरफ से बड़ा अधिकारी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी के साथ स्वागत भाषण पढ़ता है। लेकिन 22 वां राज्योत्सव में किसी ने स्वागत भाषण नहीं पढ़ा। मतलब शासन की उपलब्धियों के बारे में किसी ने कुछ नहीं बताया। पहली बार किसी बढ़े कार्यक्रम को बिना स्वागत भाषण के सम्पन्न किया गया। इस बात को लेकर भी जमकर चर्चा है।

पोस्टर से विधायक गायब

         हर बार की तरह इस बार भी विधायक को अनुपस्थित रहते हुए भी अपमानित होना पड़ा। कुल 31 में से 30 स्टाल के अलावा संगठन के पोस्टर से भी विधायक शैलेष पाण्डेय गायब नज़र आए। महिला एवं बाल विकास ने अपने स्टाल में सभी गणमान्य लोगों के साथ पोस्टर मेंविधायक को स्थान दिया। 

आयोजन प्रमुख मेयर का हुआ अपमान

                  जैसा की सभी को पता है कि बिलासपुर में नगर निगम राज्योत्सव का आयोजक होता है। जाहिर सी बात है मेयर आयोजक प्रमुख होता है। 22 वां राज्योत्सव के दौरान मेयर को अपनी जनता के ही सामने अपमानित होना पड़ा। उन्हें मंच पर अन्य अतिथियों के स्वागत के बाद बुलाया गया। करीब आधा घण्टा बाद लोगों को मेयर याद आए। मान मनौव्वल के बाद उन्हें बुलाया गया। इस दौारन मेयर अपनी नाराजगी को भी जाहिर किया। उन्होने बताया कि पिछले एक घण्टे से मंच के सामने बैठा हूं। लेकिन सभी  व्हीआईपी को बुलाया गया..लेकिन महापौर पर किसी की नजर गयी..और संचालक ने बुलाया भी नहीं। जबकी जानते है कि संचालक को कार्यक्रम संचालन का लम्बा अनुभव है। लोगो में तो यह भी चर्चा है कि संचालक को किसी के इशारे पर पर यदि मंच पर बुलाया गया तो किसी के इशारे पर ही उन्हें शुरूआत में मंच पर नहीं बुलाया गया।

पिछली बार भी हुआ था विवाद

                 पिछली बार विधायक शैलेष पाण्डेय ने ऐसे ही कुछ घटनाक्रम को लेकर तात्कालीन कलेक्टर पर अपने खिलाफ अपमान करने का आरोप लगाया था। मामला काफी तूल पकड़ा। शैलेष पाण्डेय ने तो विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से पत्र व्यवहार के साथ मिलकर तात्कालीन कलेक्टर पर राजद्रोह का आरोप लगा दिया था।

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