रायपुर।वित्त मंत्रालय ने आधार-पैन लिंक करने की तारीख को 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया है. इससे पहले, 31 दिसंबर 2019 पैन को आधार से लिंक करने की आखिरी तारीख थी. पिछली बार सातवीं बार अंतिम तारीख बढ़ाने के बाद, आयकर विभाग ने अब पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की समय सीमा 31 दिसंबर से एक बार फिर बढ़ा दी है. आईटी विभाग के अनुसार अब 2020 मार्च के अंत तक दोनों दस्तावेजों को लिंक करना अनिवार्य है. इसके लिए धारक आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर इंटरलिंकिंग प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं और पैन-आधार लिंकिंग की स्थिति की जांच भी कर सकते हैं. यदि समय सीमा तक दोनों दस्तावेजों को लिंक नहीं किया तो पैन कार्ड 2020 अप्रैल से निष्क्रिय हो सकता है.सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
इसके अलावा वित्त मंत्रालय ने कई और घोषणाएं की हैं. दरअसल सरकार ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) के बिना डिजिटल लेनदेन करने के लिए भुगतान के निर्धारित मोड के रूप में रुपे और यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को अधिसूचित किया है. राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय द्वारा 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के टर्नओवर वाली सभी कंपनियां अपने ग्राहकों को रूपे (RuPay) डेबिट कार्ड और यूपीआई क्यूआर (UPI QR) कोड के माध्यम से भुगतान की सुविधा प्रदान करती हैं.
यदि कंपनियां निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने की सुविधा स्थापित करने और संचालन करने में विफल रहीं, तो 1 फरवरी 2020 से प्रति दिन 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.
बता दें कि शनिवार को पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने सोमवार को सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि रूपे कार्ड और यूपीआई भुगतान के माध्यम से लेनदेन पर कोई एमडीआर शुल्क ना लेना डिजिटल भुगतान उद्योग को खत्म कर देगा. उन्होंने कहा कि भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र पर एक महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
इससे इनोवेशन, नौकरी का नुकसान और डिजिटल भुगतान के विस्तार में मंदी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस कदम से प्रतिभागियों द्वारा ग्राहक प्रोत्साहन खर्च भी खत्म हो जाएगा. निर्णय को सही इरादे से लेकिन एक गलत नीति के रूप में करार देते हुए कहा गया है कि यह निर्णय पूरे डिजिटल भुगतान उद्योग और साथ ही निवेश को प्रभावित करने वाला है.