रायपुर।छत्तीसगढ़ के वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश हो चुका है। यह बजट शिक्षा कर्मीयो के लिए खास रहा है। प्रदेश के शिक्षाकर्मी का सफर शिक्षक के रूप में समाप्त हो चुका है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नेकांग्रेस के जन घोषणा पत्र की एक प्रमुख वादे को पूरा करता हुआ लगा है। शिक्षक संघो होली के पहले ही संविलियन होली त्योहार माना रहे है। शिक्षक नेताओ ने इस मौके पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दी है। शिक्षक नेता डॉ गिरीश केशकर ने बयान जारी कर बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने जो वादा किया उसे पूरा किया है । जिससे प्रदेश के शिक्षकों एवं शिक्षा जगत में हर्ष का माहौल है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप न्यूज़ ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
भूपेश बघेल द्वारा बजट में 2 वर्ष पूर्ण करने वाले सभी शिक्षाकर्मियों का 1 जुलाई 2020 से पूर्ण संविलियन किये जाने की घोषणा किया जाना शिक्षकों एवं एवं शिक्षा जगत के लिए एक ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले के साथ ही 1998 से चली आ रही असमानता समाप्त हो जाएगी। इस ऐतिहासिक निर्णय का प्रदेश के सभी शिक्षक मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों और सभी विधायकों का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं और साधुवाद देते हैं।
डॉ केशकर ने बताया कि हमें पूरा विश्वास है जिस तरह ये ऐतिहासिक फैसला लिया गया है उसी तरह बची हुई कुछ विसंगतियां जैसे क्रमोन्नति, पदोन्नति, वेतन विसंगति, अनुकंपा एवं पुरानी पेंशन बहाली पर आने वाले समय मे जल्द ही सकारात्मक फैसला लेंगे।
हम प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील करते है कि प्रदेश में लगभग 3500 से अधिक शिक्षको के परिजनों के अनुकंपा मामले लंबित है।जिन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। अनुकंपा मामलों का शिथिलीकरण होना चाहिए। जिससे पूर्व शिक्षको के परिजनों को लाभ मिल सके।
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