बिलासपुर— नजूल जमीन पर कब्जाधारियों के लिए सरकार ने कानून बनाया। सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को शर्तों के आधार पर पट्टा दिया जाएगा। लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया कि जो लोग नजूल की जमीन पर काबिज हैं..उनमें इतनी ताकत नहीं कि शर्तों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री करवा सकें। फिर क्या…इसके बाद शुरू हुआ..जमीन माफियों का खेल..ऐसे जमीन माफिया जिन्होने सरकारी जमीन को फर्जी दस्तावेज के सहारे करोड़ों का फटका पहले भी लगा चुके हैं। जमीन को अवैध प्लाटिंग कर बेच भी चुके हैं। अब एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। वह भी लायसेंस के साथ। नियम का सहारा लेकर सरकारी जमीन पर आवासीय भूखण्ड मांग रहे हैं। इतनी जमीन की उस पर एक कालोनी बस जाए। सबको मालूम है कि भविष्य में ऐसा ही होना है। ताज्जुब इस बात को लेकर है कि आवेदन करने वाले लोग ना केवल शहर के नामचीन पूंजीपति हैं..बल्कि जमीन मांगने वाले एक ही परिवार के आधा दर्जन से अधिक सदस्य भी हैं। जाहिर सी बात है कि संदेह लाजिम है। जमीन बंदरबांट के खेल में वह विवादास्पद पटवारी भी शामिल है.. जो भू-माफियों को मौके की जमीन की ना केवल पहचान करवाता है..बल्कि हिस्सेदार भी होता है। अलग बात है कि उसकी हिस्सेदारी गैर नामों पर है..और कई जगह है।
फिर विवाद में आया लिंगियाडीह और मोपका
एक बार फिर लिंगियाडीह, मोपका, बहतराई समेत कई पटवारी हल्का जमीन बांटाकन के नाम पर सुर्खियों में है। सुर्खियों की वजह सरकारी नीति और पटवारी , राजस्व विभाग की भू-माफियों की मिली भगत को लेकर है। मोपका लिंगियाडीह, बहतराई ही नहीं बल्कि शहर के दूसरे कोने के चहेते भू-माफियां इन क्षेत्रों में आवास के लिए जमीन की मांग की है। यह जानते हुए भी कि ऐसे लोगों पर पहले से ही सरकारी जमीन हड़पने का दर्जनो आरोप हैं। अब लायसेंस के साथ आवासीय भूखण्ड की मांग की है। आश्चर्य है कि आवासीय भूखण्ड मांगने वालों में एक ही परिवार आधा दर्जन से अधिक सदस्यों का नाम है। परिवार के सदस्यों ने इतनी जमीन की मांग की है कि यदि सबको मिला दिया जाए तो जमीन पर एक बहुत बड़ी कालोनी खड़ी हो जाएगी । जबकि भविष्य में ऐसा ही होना है। बावजूद इसके गलत नीतियों के कारण इन्हें जमीन मिलना निश्चित है।
कानून बनने से पहले पटवारी लाए गए
अन्दर खाने पर विश्वास करें तो इसके लिए नीति निर्देश आने के पहले राजस्व के जिम्मेदार लोगों ने विवादास्पद पटवारियों को पहले से ही हल्को में सेट कर दिया था। नीति की घोषणा के बाद पटवारियों ने राजस्व महकमें के जिम्मेदार लोगों के इशारे पर चहेते लोगों को जमीन दिखाकर आवेदन मंगवाया गया । जो अब विवाद का विषय बन चुका है। सीजी वाल के पास पुख्ता जानकारी है कि कुछ पटवारी और राजस्व विभाग के लोगों का आवेदन करने वाले भू-माफियों के साथ जमीनी रिश्ता है। जिसका फैसला जमीन आवंटन के बाद गुपचुप तरीके से आपसी बांटकन के साथ पूरा होगा।
अब होगी मुख्यमंत्री से शिकायत
शहर में चर्चा है कि जब मेढ़ ही खेत को निगलने लगे तो खेत का मालिक भगवान ही है। ऐसा ही कुछ यहां भी है। सरकार अपनी जमीन बेच रही है। भविष्य में सार्वजनिक कार्यों के लिए जमीन की जरूरत पड़ी तो कहां से आएगी। बच्चों के लिए खेल मैदान,सार्वजिनक और सामुदायिक भवन,प्ले ग्राउण्ड,स्वाथ्य केन्द्रों समेत अन्य शासकीय योजनाओं के लिए जमीन का आकाल पड़ जाएगा। बहरहाल राजस्व विभाग के मिली भगत से वैधानिक तरीके से जमीन हड़पने का खेल जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्रीय प्रशासन ने मन बना लिया है कि नीतियों में परिवर्तन के लिए शासन को बताया जाएगा। मंत्री और मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा। जिम्मेदार राजस्व महकमें के कर्मचारियों की मिलीभगत को भी उजागर किया जाएगा।
क्षेत्रीय नेताओं ने बताया कि हमें जानकारी मिल चुकी है कि कौन कर्मचारी किस जमीन माफिया को संरक्षण दे रहा है।
पढ़े मोपका और लिंगियाडही में जमीन मांगने वाले आवेदकों के नाम
मोपका हल्का 29—
खसरा 934/1 से 7500 वर्गफिट…नरेन्द्र मोटवानी पिता दुलाराम मोटवानी
खसरा 845/2 से 4 हजार वर्गफिट…नरेन्द्र मोटवानी पिता दुलाराम मोटवानी
खसरा 2093/1 से 4 हजार वर्गफिट…मोनिका खेडिया पत्नि रोहन खेड़िया
खसरा 871/1/क से 4 हजार वर्गफिट..रोहन खेडिया पिता राम खेड़िया।
खसरा 2093/1 से 4 हजार वर्गफिट…राम खेड़िया पिता पुरूषोत्तम खे़ड़िया
खसरा 871/1/क से 4 हजार वर्गफिट नूतन खेड़िया पति राम खेड़िया
खसरा 871/1/क से 4 हजार वर्गफिट रिषभ केडिया पिता राम खेड़िया
खसरा 836 से 7500 वर्गफिट…रोहन खे़ड़िया पिता राम खेड़िया
खसरा 845/2 से 7500 वर्गफिट प्रमोद खेड़िया पिता चुन्नीलाल खेड़िया
खसरा 836 से 7500 वर्गफिट…मुरलीधर खेड़िया पिता राधेश्याम खेड़िया
खसरा 837 से 7500 वर्गफिट..राम खेड़िया पिता पी.डी खे़ड़िया
खसरा 2093 /1 से दो हजार वर्गफिट प्रवीन मसीह पिता श्यामलाल मसीह
लिंगियाडीह..हल्का क्षेत्र..31
खसरा 612/ से 4 हजार वर्गफिट अनूप खेड़िया पिता ओमप्रकाश खेड़िया
खसरा 82/1/क से 7000 वर्गफिट…रोहन खेड़िया पिता राम खेड़िया
खसरा 159/1 से 7000 वर्गफिट रिषभ खेड़िया पिता राम खेड़िया
खसरा 159/1 से 7500 वर्गफिट…रोहन खेड़िया पिता राम खेड़िया
खसरा 82/1/क से 7500 वर्गफिट.मोनिका खेड़िया पति रोहन खेड़िया
खसरा 159/1 7000 वर्गफिट…नूतन खेड़िया पति राम खेड़िया
खसरा 159/1 से 7 हजार वर्गफिट..राम खे़ड़िया पिता पुरूषोत्तम खेड़िया
खसरा 821/1/क से 0.0 4 एकड़… हरप्रीत सिंह वालिया
खसरा 82/1/क से 6020 वर्गफिट…चितपाल सिंह वालिया पिता एसबी सिंह वालिया।
पढ़ेंगे अन्य हल्कों के आवेदकों के नाम और कुछ भीतर की कहानी को