सहायक शिक्षकों को नियम विरुद्ध क्रमोन्नति देने का मामला,एक बाबू सस्पेंड,नियमों की आड़ में चल रही मनमानी

Shri Mi
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गरियाबंद-गरियाबंद जिले के छुरा के बाद अनेक विकासखंडो में भी सहायक शिक्षक एलबी को नियम  विरुद्ध तरीके से स्वीकृति आदेश जारी कर  क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने का मामला सामने आ रहा है। प्रदेश के कई विकासखंडों में ऐसे सभी सहायक शिक्षकों का जिनका शिक्षा विभाग में संविलियन 1 जुलाई 2018 के बाद हुआ है तथा शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद सेवा करने के  दो साल में ही   10 साल बाद मिलने वाले वेतन लाभ को ऐसे शिक्षकों को 8 वर्ष पूर्व ही देकर शासन को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाने का कार्य तो नही किया जा रहा है। यदि पूर्व सेवा की  गणना की मानी जाए तो प्रदेश के सभी शिक्षक जिनकी सेवा 10 वर्ष पूर्ण हो चुकी है सभी क्रमोन्नत वेतनमान के पात्र है। उन्हें इस आर्थिक लाभ से दूर तो नही रखा जा रहा है। सीजीवालडॉटकॉम NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए।

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क्रमोन्नति का नियम है कि कर्मी के द्वारा विभाग में 10 वर्षों की सेवा पूर्ण कर ली गई हो। संविलियन हुए शिक्षक संवर्ग की सेवा अवधि आरम्भ शिक्षा विभाग में संविलियन तिथि से मानी गई है ।संविलियन पूर्व पंचायत विभाग में की गई सेवा को संविलियन के पश्चात शिक्षा विभाग में जोड़कर भूतलक्षी प्रभाव से बिना शासन के स्पष्ट आदेश के कर्मियों को क्रमोन्नत वेतनमान नही दिया जा सकता।संविलियन नियम के आधार पर शिक्षक पंचायत संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन तो हुआ ,परन्तु पूर्व पद में क्रमोन्नत वेतनमान नहीं मिलने से पुनः वेतन विसंगति का दंश झेलना पड़ रहा है ,यही कारण है कि सहायक शिक्षक एलबी अपने पूर्व पद का क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान दिए जाने हेतु माननीय न्यायालय का भी रुख कर रहे हैं। 

इस बीच नियमो को ताक पर रखकर गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड में सहायक शिक्षक एलबी को 9300-34800+4200  का क्रमोन्नत वेतनमान  स्वीकृति आदेश बिना स्थानीय सम परीक्षा निधि कार्यालय से सत्यापन कराएं नियम विरूद्ध स्थापना शाखा द्वारा जारी किया जा रहा है ।उक्त मामले में बीईओ ऑफिस छुरा के एक बाबू को निलंबित  कर दिया गया  है। नियमों को ताक पर रखकर शासन को हानि पहुंचाने इस मामले में जनपद सीईओ और विकास खंड शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध  कार्यवाही लंबित है।

ऐसे ही रायपुर सम्भाग के गरियाबंद जिले के अलावा महासमुंद,धमतरी,बलौदा बाजार भाटापारा बिलासपुर संभाग के जांजगीर चाम्पा,मुंगेली जिले  के कतिपय विकासखंड सहित अनेक जगहों पर स्थापना शाखा और बीईओ की मिलीभगत से क्रमोन्नत वेतनमान आदेश जारी कर शासन को क्षति पहुचाई जा रही है।

मामला सामने आने पर दिखावे की कार्यवाही की जा रही है।सक्ती में उपकोषालय को बी ई ओ ने वेतन आधिक्य राशि की रिकवरी के पत्राचार किया  है।गरियाबंद जिले में छुरा विकासखण्ड में जनपद सी ई ओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था एव बी ई ओ आफिस के बाबू दिनेश साहू को निलंबित कर दिया गया है।बावजूद इसके अनेक विकासखंडों में  शासन को आर्थिक क्षति पहुचाने का कार्य धड़ल्ले से जारी है। जिस पर शासन ने स्पस्ट निर्देश नही दिया है।

नियमों के आड़ में अधिकारियों की मनमानी जारी है,क्रमोन्नति देने के लिए लेनदेन का खुला खेल चल रहा है।वंचित शिक्षक भी तात्कालिक लाभ के झांसे में आ जाते है उन्हें चाहिए कि ऐसे चक्कर मे न पड़कर भविष्य में रिकवरी और पेनाल्टी से बचने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए।

छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा क्रमोन्नति के संबंध में स्पष्ट आदेश नहीं होने से नियमों की व्याख्या स्थानीय स्तर पर अपने अपने ढंग से किए जाने से ऐसी परिस्थिति   उत्पन्न होती है। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है 10 वर्ष सेवा के पश्चात पदोन्नति/क्रमोन्नति अविलम्ब दी जानी चाहिए ताकि नियमों के हवाले से शिक्षक साथियों का शोषण बंद हो सके। शिक्षको द्वारा उच्च न्यायालय से क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने  के संबंध में वाद पर दिए हुए आदेश को स्कूल शिक्षा विभाग के जिला पंचायत CEO जिला  शिक्षा अधिकारी ,लोकशिक्षण संचानलय ,आदि बिना उचधिकारियो यथा शासन से मार्गदर्शन लिए बिना कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे है ।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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