कोरोना– कर्मचारियों की मांग..लागू होवर्क फ्रॉम होम योजना..अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़ घोषित करें अवकाश

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- छत्तीसगढ़ सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर  स्कूल कॉलेज, जिम सिनेमाघर, सभी सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही भीड़भाड़ वाले इलाकों एकत्र होने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। प्राइवेट कोचिंग संस्थानों में चलने वाली क्लासेस और सभी प्रकार की परीक्षाओं पर रोक लगाते हुए जनहित में फैसला किया है।अब सभी शासकीय सेवकों ने वर्क फ्राम होम की मांग करते हुए अत्यावश्यक सेवाओं को अलग करते हुए अन्य सेवा देने वालों को वर्क फ्राम होम सिस्टम लागू किय जाने की मांग की है।
 
              शासकीय सेवकों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार को भी कुछ दिनों के लिए अत्यावश्यक सेवाओं को अलग रखते हुए वर्क फ्राम होम की कवायद को कुछ दिनों के लिए लागू कर देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भी कहा है कि राज्य सरकारों को वर्क फ्राम होम को लागू करने की बात भी कही है। क्योंकि सबको मालूम  है कि विभिन्न विभागों के सैकड़ो कार्यालयों में हजारों लोगों की रोजाना आना जाना होता है। ऐसी सूरत में कोरोना प्रकोप की संभवना तमाम सावधानियों के बावजूद बनी रही है। इसलिए अत्यावश्यक सेवाओ से पृथक अन्य  सेवा प्रदाताओं को वर्क फ्राम हाम की सेवा से जोड़ना उचित होगा।
 
                      शासकीय सेवकों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि केन्द्र और सरकार  जागरूकता  कार्यक्रम को लेकर बहुत ही गंभीर है। अनावश्यक भीड़ से बचने रेलवे प्रशासन ने प्लेटफार्म  टिकटों का दाम बढ़ा दिया  है । कई ट्रेन रद्द कर दिए हैं। पड़ोसी राज्य  महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव का मामला तुलनात्मक रूप से ज्यादा सामने आया है। यही कारण है कि नागपुर, मुम्बई ,पुणे के लिए छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों को रद्द किया जा रहा है। काबिले तारीफ है कि अभी तक छत्तीसगढ़ में विशेष सावधानी बरतने के कारण बमुश्किल एक ही मामला पॉजिटिव  आया है।
    
                स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारी कर्मचारी डॉक्टर नर्स और अन्य स्टाफ युद्ध स्तर पर सेवाएं दे रहे हैं। लोकल बॉडी साफ सफाई अभियान को लेकर सजग है। एहतियात के तौर पर लोगों को आवश्यकता पड़ने पर ही यात्रा करने की सलाह दी जा रही है। लोगो की आवाजाही को कम करने के लिए छग हाईकोर्ट में भी केवल अर्जेंट मामले ही सुने जाने की घोषणा की  है। राज्य की विधानसभा को 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। छ ग जीएडी ने निर्देश जारी कर  सभी  सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए  हैं।
 
             विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने बताया कि शासन से अपेक्षा है कि अत्यावश्यक सेवाओ बहाल रखते हुए ततकालिक तौर पर अन्य सभी शासकीय कार्यालयों में लोगो की आवाजाही को देखते हुे  अवकाश घोषित कर देना चाहिए। ब्लाक से लेकर जिला  स्तर के सभी कार्यालय प्रतिदिन कलेक्टर, निगम, जिला पंचायत,जिला और स्थानीय अदालतों तहसील,जनपद,सरकारी राशनदुकान,सोसायटी,रजिस्ट्री आफिस आदि कार्यालयों में विभिन्न जगहों से हजारों की  संख्या में लोगो का आना जाना होता है। इन  कार्यालयों के इर्द गिर्द साफ सफाई व्यवस्था सतत बनाए रखना चुनोती है। बड़ी संख्या में जिले के केंद्रों में  ब्लाक के सुदूर क्षेत्रो से कार्यालयों में काम से आना जाना करते है। ऐसे कार्यालयों में  शासकीय कार्य से आने वाले लोगो और कार्यरत सैकड़ो अधिकारी कर्मियों को सम्भावित संक्रमण से दूर रखने के लिए   सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की बहुत जरूरत है।
 
              महाराष्ट में अत्यावश्यक सेवाओ के अलावा अन्य सरकारी कार्यलायो में 25 प्रतिशत उपस्तिथित के आधार पर काम लिया जा रहा है। मुंबई, पुणे नागपुर और पिंपरी चिंचवड चार शहरों में अत्यावश्यक सेवाओ के अलावा सभी सेवाओं को बंद करने का ऐलान किया गया है । सोशल कांटेक्ट भी कम किया जा रहा है।
 
            चूंकि प्रधानमंत्री ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। अत्यावश्यक सेवा प्रदाताओं को छोड़कर सुबह 7  बजे से रात 9  बजे तक लोगों को घर पर रहने की अपील की गयी  है।  प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संदेश में कहा है कि 60 से 65 वर्ष के ऊपर के वृद्धजनों को आगामी कुछ हफ्तों के लिए घर में रहकर ही संक्रमण से बचने का सुझाव दिया है। उन्होंने पूरे राज्य सरकार से वर्क फ्रॉम होम लागू करने का आह्वान किया है। महाराष्ट्र में 25 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर सरकारी कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। राजस्थान में 50 प्रतिशत उपस्थिति के आधार पर सरकारी दफ्तरों में कार्य के आदेश का पालन किया जा रहा है। 
        
            सोशल कांट्रैक्टिंग को न्यूनतम बनाने के लिए छग प्रदेश के पूरे निकाय क्षेत्रों में धारा 144 लागू है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने आगामी कुछ सप्ताहों के लिए आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलने की अपील की है। अधिकाधिक कार्य को घर से  किए जाने सुझाव दिया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के सभी मंत्रियों के सार्वजनिक कार्यक्रम और नागरिकों से मुलाकात 31 मार्च तक बंद कर दी गयी है।  मंत्रालय में भी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 
                छतीसगढ़ में महाराष्ट्र से लगे जिलों में विशेष एहतियात करना होगा। राजधानी नवारायपुर मंत्रालय और निदेशालय में कार्यरत अधिकारी कर्मी सैकड़ो की संख्या ने आज बाजू के जिलों से आना जाना करते है,। पूरे प्रदेश से लोग अपनी समस्याओं को लेकर राजधानी आते है। रायपुर-भिलाई-दुर्ग जुड़वा शहर होने से अनेक लोग दफ्तरों में आना जाना करते है। बिलासपुर से रायपुर दुर्ग नांदगाव और रायगढ़ की दिशा मे भी सैकड़ो की संख्या में  सरकारी कर्मी ट्रेनों और बसों  से आवाजाही करते है। विभिन्न जिला मुख्यालयों में प्रतिदिन फील्ड ऑफिसों से कर्मियों का आना जाना होता है। सरकार को ऐसे हजारों लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा की दृष्टि से एहितियातन फौरी तौर पर अवकाश सुविधा देते हुए वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया जाना चाहिए।

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