बिलासपुर— बिलासपुर प्रशासन की छोटी सी लापरवाही ने दो जिलों के जिला प्रशासन को बेचैन कर दिया है। सामान्य लोगों के बीच संदिग्ध मरीज के मिलने के बाद मुंगेली जिला प्रशासन ने 39 लोगों को आइसोलेट कर दिया है। इसमें 20 प्रवासी मजदूरों के अलावा संदिग्ध महिला और बस ड्रायवर समेत मेडिकल स्टाफ भी शामिल है।
खबर कुछ इस तरह है…एक दिन पहले सकर्रा में क्वारंटीन किए गए पांच मजदूरों की रात यकायक तबीयत खराब हो गयी। पांचों मजदूर आगरा उत्तरप्रदेश से लाए गए थे। सभी एक ही परविर के हैं। इसमें से परिवार के मुखिया की हालत बहुत ही गम्भीर हो गयी। मुखिया समेत चार अन्य सदस्यों को आनन फानन में सिम्स लाया गया। इसमें एक को कोरोना मरीज पाया गया। जबकि चार अन्य सदस्यों का टेस्ट रिपोर्ट जांच के लिए रायपुर भेजा गया। बताया जा रहा है आज दोपहर बाद परिणाम सिम्स पहुंच जाएगा।
सिम्स प्रबंधन ने सकर्रा से लाए गए पाच में से एक मरीज को भर्ती कर इलाज शुरू किया। जबकि 4 अन्य लोगों को छोड़ दिया। इसके बाद संदिग्ध मरीज की पत्नी को प्रशासन ने देर शाम 9 से 10 बजे के बीच रेलवे स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को लेकर मुंगेली जा रही बस में बैठा दिया। रात होने के कारण भूलवश संदिग्ध महिला सकर्रा तखतपुर उतरने के वजाय मुंगेली पहुंच गयी।
मुंगेली जिला बार्डर चेक पोस्ट में जांच पड़ताल के दौरान हड़कम्प मच गया। जब महिला ने बताया कि वह सिम्स में भर्ती कोरोना मरीज की पत्नी है। उसे सकर्रा क्वारंटीन सेन्टर जाना है। रात होने होने की वजह से तखतपुर के वजाय भूलवश मुंगेली पहुंच गयी। उसका सिम्स में टेस्ट हुआ है। रिपोर्ट अभी तक नहीं आया है।
महिला से डिेटेल सुनते चेक पोस्ट में तैनात कर्मचारियों और बस यात्रियों के कान खड़े हो गए। मामला मुंगेली जिला प्रशासनर तक पहुंच गया। आनन फानन में मुंगेली प्रशासन नेबस में सवार 20 प्रवासी मजदूरों, संदिग्ध महिला के साथ बस ड्रायवर, मेडिकल स्टाफ समेत कुल 39 लोगों को आइसोलेट कर दिया है। जानकारी के अनुसार महिला समेत आइसोलेट किए गए सभी बस सवारों का अब टेस्ट किया जा रहा है।
बहरहाल प्रशासन की लापरवाही ने 39 लोगों को खतरे में डाल दिया है। पूरे घटनाक्रम को लेकर बिलासपुर जिला प्रशासन सकते में है।