केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हसिमरत का इस्तीफा..किसान विरोधी विधेयक का किया विरोध..द्विट कर बताया..किसानों के साथ रहेंगी खड़ी

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नई दिल्ली/ बिलासपुर— आकाली दल कोटा से केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होने मोदी सरकार की किसान विरोधी विधेयक का विरोध किया है। अपने ट्विट से इस्तीफा की जानकारी देते हुए हरसिमरत कौर ने दिया है। वह किसान के साथ खड़ी रहेंगी।

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                केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने मोदी मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दिया है। ट्विट कर आकाली दल नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने जानकारी दी है कि सदन में किसानों के हितो के खिलाफ पारित विधेय का विरोध करती है।

             आकाली दल बादल नेत्री ने अपने ट्विट में आगे लिखा है कि मुझे किसानों पर गर्व है। और किसाों की बेटी किसानों के साथ खड़ी है। और किसानों के लिए संघर्ष करेगी। 

                            जानकारी देते चलें कि  यह इस्तीफ़ा लोकसभा में विवादस्पद नये कृषि विधेयकों पर वोटिंग से कुछ समय पहले आया है। शिरोमणि अकाली दल इन नये कृषि विधेयकों का विरोध करता रहा है। आज ही अकाली दल के प्रमुख और हरसिमरत कौर के पति सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि अकाली दल सरकार और बीजेपी का समर्थन जारी रखेगा।  लेकिन ‘किसान विरोधी राजनीति’ का विरोध करेगा। 
 
                   बताना जरूरी है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों में कृषि से जुड़े विधेयकों के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त ग़ुस्सा है। केंद्र की मोदी सरकार तीन कृषि अध्यादेश लेकर आई है। अध्यादेशों को लेकर बताया जा रहा है कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ही आमदनी का एकमात्र ज़रिया है। अध्यादेश इसे भी ख़त्म कर देगा। इसके अलावा कहा जा रहा है कि ये अध्यादेश साफ़ तौर पर मौजूदा मंडी व्यवस्था का ख़ात्मा करने वाले हैं। इन दोनों राज्यों के किसान पिछले तीन महीने से इन अध्यादेशों का पुरजोर विरोध कर रहे हैं हालाँकि मोदी सरकार इन्हें किसान हितैषी बता रही है। 
 
                   यद्यपि अकालियों ने शुरू में विधेयकों का समर्थन किया  था। लेकिन पंजाब और हरियाणा में किसानों में जबरदस्त आक्रोश को देखते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया है। हालाँकि बीजेपी इन विधेयकों पर अड़ी है। इसी के विरोध में अकाली दल ने आज संसद में उनके ख़िलाफ़ विधेयकों का समर्थन वापस लेने और उनके ख़िलाफ़ मतदान करने का फ़ैसला किया।
 
                 बता दें कि 10 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन ने इन अध्यादेशों के ख़िलाफ़ कुरूक्षेत्र के पीपली नेशनल हाईवे पर जाम लगा दिया था। इस दौरान  पुलिस से भिड़ंत हुई थी। पुलिस ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज कर दिए। इसके बाद किसान और ग़ुस्से में हैं। चढ़ूनी ने कहा है कि अगर इन अध्यादेशों को रद्द करने की उनकी माँग नहीं मानी गई तो वे आंदोलन को और तेज़ करेंगे। प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पुतले भी फूंके थे।

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