SC,ST एक्ट में संशोधन असंवैधानिक.. अमित जोगी ने बताया..राज्यपाल को खबर नहीं..राजपत्र का हुआ दुरूपयोग

BHASKAR MISHRA
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रायपुर —- जनता कांग्रेस नेता अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार राजनीति के लिए राजपत्र का दुरूपयोग कर रही है। राज्यपाल के बिना सहमति, अनुमति और हस्ताक्षर के चुनाव जीतने के लिए संविधान को ताक पर रखकर एसटीएससी एक्ट में संशोधन कर नया कानून बना दिया है। अमित जोगी ने यह जानकारी आज रायपुर में राज्यपाल अनुसुइया उइके को दी।
 
                     अमित जोगी ने राज्यपाल से भेंटकर सरकार की शिकायत की है। जोगी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को बताया कि एससी एसटी एक्ट में असंवैधानिक संशोधन कर कानून से खिलवाड़ किया गया है।
 
               जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा छतीसगढ़ में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो चुका है। कानून का राज खत्म हो गया हैं। डेमाके्रसी में ब्यूरोक्रेसी भारी पडती जा रही है। उन्होने बताया कि 24 सितंबर 2020 को छत्तीसगढ़ राजपत्र छत्तीसगढ़ शासन  के राज्यपाल के नाम से और आदेशानुसार जारी होता है। भारतीय संविधान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्यपाल के नाम पर अधिसूचना जारी की गयी लेकिन इसकी खबर राज्यपाल को भी नहीं है।
 
          अमित जोगी ने बताया कि  संविधान से जुड़ा गंभीर मामला हैं। इसमें राष्ट्रपति के प्रतिनिधि और राज्य के संविधान प्रमुख राज्यपाल के कार्य और शक्तियों का हनन किया गया है। ऐसा किया जाना संविधान के साथ धोखा है। जोगी ने प्रकाशित छत्तीसगढ़ राजपत्र पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एससीएटी एक्ट संशोधन किसके आदेश से किया गया। आखिर महामहिम के नाम पर किसने हस्ताक्षकर किए ? आखिर राज्यपाल पर जो अधिसूचना जारी हुई उसकी सूचना राज्यपाल को क्यों नहीं दी गई ? जिसने भी कूटरचित हस्ताक्षर किए है। महामहिम राज्यपाल के नाम और उनके पद का दुरूपयोग किया गया हैं।  ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी,  धोखाधड़ी, कूटरचना, अपराधिक षडयंत्र की कार्यवाही  किया जाना चाहिए।
 
               अमित जोगी ने कहा मैने राज्यपाल से भेंटकर एससीएसटी एक्ट में असंवैधानिक और आपराधिक संशोधन की जानकारी को संज्ञान में लाया है। विश्वास है कि सरकार से इस संबंध में जरूर स्पष्टीकरण मांगेगी। 
 
शिकायत में जोगी ने क्या कहा
 
         अमित जोगी ने कहा कि राजनीति के लिए छत्तीसढ़ राजपत्र का दुरूपयोग किया गया हैं। चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए संविधान को ताक में रखकर अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ावर्ग अधिनियम 2013 में विधी के विरूध्द निम्नानुसार संशोधन किया गया हैं। राज्यपाल से मुलाकात कर जोगी ने बताया कि जिला छानबीन समिति का गठन कलेक्टर करेंगे। जबकि इसके पहले राज्यपाल गठित करते थे। इतना ही नहीं इसमें 6 की जगह 5 सदस्य कर दिया गया है। सबको मालूम है कि जवाब देने का समय पहले 15 दिन दिया जाता था। एक – पक्षीय प्रमाण पत्र निलम्बित करने का अधिकार भी दिया गया है। इसके पहले प्रमाण पत्र रद्द करने का कोई अधिकार नहीं था। राज्य छानबीन समिति बिना सतर्कता समिति का गठन किए केवल कारण बताओ नोटिस के आधार पर प्रमाण पत्र निरस्त कर सकेगी । जबकि पहले बिना सतर्कता समिति की सम्पूर्ण जाँच के राज्य समिति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं कर सकती थी । इस प्रकार का संशोधन असंवैधानिक और आपराधिक हैं।
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