तीनों बहनों ने किया कुछ ऐसा..फफक फफक कर रोने लगे लोग.पत्थर दिल को सभी ने पिघलते देखा

BHASKAR MISHRA
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मुंगेली—(टेकचंद कारड़ा)— मुंगेली में भाई बहन के प्यार को जिसने भी देखा..वह कभी नहीं भूलने वाला साबित होगा। यहां तक इस प्यार को देखकर यमराज भी रोए होंगे। बताते चलें कि रक्षा बंधन के ठीक कुछ दिन पहले तीन बहनों के भाई की मौत 4 अगस्त हो गयी। भाई की मौत की खबर सुनकर बहनों में मातम पसर गया। इसके बाद बहनों ने जो किया..उसे देखकर इंसान क्या यमराज भी अपने आंसू नहीं रोक पाए होंगे।
 
          22 अगस्त को भाई और बहनों के स्नेह का त्योहार रक्षा बंधन धूम धाम से मनाया जाएगा।  पूरे साल रक्षारबंधन पर्व का भाई और बहनो को इंतजार रहता है।  भाई जहां अपनी बहन के आने का इंतजार करता है तो बहन को अपने भाई की सूनी कलाई को सजाने के लिए रक्षाबंधन पर्व का इंतजार होता है। लेकिन बजाज परिवार के जो हुआ उसे कोई भले भूल जाए। खासकर तीनों बहन इस दिन को कभी नहीं भूलेंगी। तीनों बहनों का भाई अजय बजाज ने त्यौहार के चन्द दिनों पहले हमेशा हमेशा के लिए अपनी बहनों को अलविदा कह दिया। इसके बाद जो बजाज परिवार में जो  हुआ उसे कोई भी सालों साल तक चाहकर भी नहीं भुला सकता है।
 
         मामला मुंगेली का है। अपनी तीनों बहन का दुलारा अजय बजाज हमेशा हमेशा के लिए चार अगस्त को अलविदा कह दिया। दरअसल अजय बजाज की 4 अगस्त को ह्दयघात से मृत्यु हो गयी। निधन की जानकारी परिजनों के साथ साथ बहनों को भी मिली।
 
             खबर मिलते ही बहनों को ऐसा लगा कि जैसे उनकी पूरी दुनिया ही किसी ने छीन लिया है। जगदलपुर में रहने के कारण एक बहन 5 अगस्त को मुंगेली पहुंची। तीन अन्य बहनों को भी भाई की मौत ने हिलाकर रख दिया। यानि सभी बहनों की  हालत जिन्दा लाश की तरह हो गयी।  
 
                  तीनों बहनें रश्मि कारडा, तुलसी मनवानी, महक दुल्हानी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। जबकि तीनों बहनों ने एक पखवाड़े के बाद आने वाले रक्षाबंधन पर्व को कुछ अलग अंदाज में मनाने का फैसला किया था। लेकिन तैयारी धरी की धरी रह गयी। और लाड़ला भाई हमेशा हमेशा के लिए अपनी लाड़ली बहनों को दुनिया से अलविदा कह दिया। 
 
             दिल को तार तार कर देने वाला अर्थी उठने का दृष्य जिसने भी  देखा वह अपने आप को रोक नहीं पाया। तीनों बहनों ने अर्थी उठने के पहले अपने मृत भाई के साथ  ना केवल लिपटकर रोया। बल्कि समाज के जिम्मेदार लोगों से अंतिम बार राखी बांधने की मंशा जाहिर की। बहनों के निवेदन के सामने समाज को विनम्रता के साथ झुकना पड़ा। और तीनों बहनों ने अपने मृत भाई अजय बजाज के हांथों में ना केवल राखी बांधा..बल्कि आंसुओं से भाई की कलाई को तरबतर कर दिया। इसके बाद अर्थी को घर से विदा किया गया। जानकारी देते चलें अजय बजाज तोलाराम और संजय बजाज के भाई थे।
 
           इस दृष्य को जिसने भी देखा..उसकी आंखें बरसने लगीं। कोई मुंह छिपाकर रोने लगा…तो कोई आड़ लेकर आंखों को पोछता नजर आया। इस दौरान खुद को मजबूत कहने वालों को आंसू पोछते देखा गया। इतना ही नहीं पत्थर दिल कहलाने वालों  की आंखों से निकलने वाले आंसुओं को देखकर उपस्थित लोगों फफक फफक रोने लगे। यद्यपि सभी ने आंसुओं को छिपाने का भरपूर प्रयास किया..लेकिन कोई भी ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाया। 
 
          

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