हर्षिता की अगुवाई में किसानों की ताक़त के सामने झुका प्रशासन, बिलासपुर से तखतपुर आकर तहसीलदार को लेना पड़ा ज्ञापन

Chief Editor
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बिलासपुर । भारतीय ज़नता पार्टी की ओर से मंगलवार को किसानों के मुद्दे पर कई स्थानों पर धरना देकर ज्ञापन सौंपा गया । इस दौरान तख़तपुर में भी हर्षिता पाण्डेय की अगुवाई में धरना दिया गया । लेकिन पहले से तयशुदा कार्य़क्रम के बावज़ूद ज्ञापन लेने के लिए कोई अफ़सर मौज़ूद नहीं थे । जिसकी वज़ह से करीब़ घंटे भर तक ऑफ़िस में भी धरना चलता रहा और आख़िर बिलासपुर से आए तहसीलदार ने ज्ञापन लिया तब ज़ाकर धरना समाप्त हुआ ।

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किसानों की समस्याओँ को लेकर बीज़ेपी ने पहले से ही मंगलवार को तख़तपुर में भी विधानसभा स्तरीय धरना का एलान किया था । पार्टी के लोग हर्षिता पाण्डेय की अगुवाई में धरना स्थल पर पहुंच गए थे । धरना के बाद शाम करीब चार बज़े एसड़ीएम को ज्ञापन सौंपने पहुंचे तो वहां केवल क्लर्क ही मौज़ूद थे । इस पर हर्षिता पाण्डेय ने एतराज़ ज़ताया और कहा कि पहले से ज़ानकारी दिए ज़ाने के बाद भी अफ़सर क्यों मौज़ूद नहीं है। इसी बात को लेकर उन्होने एसडीएम ऑफ़िस में ही ख़ाली कुर्सी के सामने धरना दे दिया और कहा कि ज़ब तक अफ़सर नहीं पहुंचेंगे तब तक धरना ज़ारी रहेगा। भाज़पा नेत्री के इस कद़म को लेकर व्यापक प्रतिक्रिया हुई । लोगों का कहना था कि प्रतिनिधि को इसी तरह का बोल्ड रुख़ अपनाना चाहिए । जिससे प्रशासन पर असर पड़े । पता चला है कि उस समय कोई प्रशासनिक अधिकारी तख़तपुर में नहीं थे । आख़िर बिलासपुर से तहसीलदार आनन-फ़ानन में तख़तपुर पहुंचे और ज्ञापन लिया । इसके बाद धरना समाप्त हुआ ।

एसडीएम की ख़ाली कुर्सी के सामने धरना

धरना के बाद हर्षिता पाण्डेय ने सीजीवाल से कहा कि यह धरना किसानों के मुद्दे पर था । प्रदेश की मौज़ूदा सरक़ार में किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लिहाज़ा राज़्यपाल के नाम पर ज्ञापन सौंपते हुए विधानसभा स्तरीय धरना दिया गया  । यह ज्ञापन ज़िम्मेदार अधिकारी को ही सौंपा जाना था । लेकिन इस गंभीर मुद्दे को लेकर ज्ञापन लेने के लिए कोई ज़िम्मेदार अफ़सर मौज़ूद नहीं थे । ज़िस पर किसानों और पार्टी के लोगों ने एतराज़ ज़ताया । आख़िर किसानों के आगे प्रशासन को झुकना पड़ा। अब किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए भी सरकार और प्रशासन को गंभीरता दिख़ाना चाहिए ।  

बीज़ेपी नेराज़्यपाल के नाम सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि प्रदेश के अल्प बारिश वाले विकास खंडों को जल्द सूखाग्रस्त घोषित करें। कांग्रेस सरकार अपने घोषणापत्र अनुरूप किसानों को उनके 2 साल का बकाया बोनस प्रदान करें। अघोषित बिजली कटौती पूर्णता बंद हो और बढ़ी हुई बिजली दर को कम किया जाए। स्थाई पंप कनेक्शन के लिए किसानों को तत्काल अनुमति प्रदान करें। सोसाइटी में खाद की नियमित आवक बनी रहे और खाद की कालाबाजारी पर अंकुश लगे। एक नवंबर से धान खरीदी शुरू करें और बारदाने की उचित व्यवस्था खरीदी के पहले सुनिश्चित करें।ज्ञापन में हर्षिता पाण्डेय के साथ ही मंडल अध्यक्ष त्रेतानाथ पाण्डेय, संतोष कश्यप, रैनलाल साहू, जीवन लाल पाण्डेय के भी दस्तख़त हैं।

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