दो विभागों के बीच ठन गयी..एक ने किया बिजली कट..दूसरे ने थमाया करोड़ों का बिल..मचा बवाल

BHASKAR MISHRA
3 Min Read
जीपीएम— सरकार एक और जिला भी एक फिर भी दो विभागों में ऐसी ठनी कि एक ने जब स्ट्रीट लाइन को काट दिया। तो दूसरे ने भी एक कदम आगे जाते हुए पहले वाले विभाग को करोड़ों का बिल थमा दिया। लोग सच भी कहते हैं कि दो हाथियों की लड़ाई में हाथी को नुकसान हो या ना हो लेकिन घास का नाश जरूर हो जाता है। ऐसा ही पेन्ड्रा की जनता के साथ पिछले दिनों देखने को मिला। बिजली विभाग ने जब नगर पंचायत पेन्ड्रा को 30 लाख बिल थमाया तो..तैश में नगर पंचायत के अधिकारियों ने बिजली विभाग के सामने 1 करोड़ 18 लाख बिल पेश कर दिया। फिर क्या था…
 
                  एक कहावत तो लोगों ने सुनी ही होगी…जब दो हाथियों के बीच लड़ाई होती है तो..नुकसान केवल और केवल घास की होता है। ऐसा ही मामला हाथी क्षेत्र पेन्ड्रा नगर पंचायत में देखने को मिला है। मामला कुछ इस तरह है। बकाया बिल की वसूली को लेकर बिजली विभाग ने नगर पंचायत को 30 लाख रूपयों का तगड़ा बिल थमाया। जीपीएम बिजली विभाग ने बताया कि पिछले 12 सालों से नगर पंचायत पेन्ड्रा ने बिल का भुगतान नहीं किया। 30 लाख रूपए बिल का भुगतान नहीं होने पर स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन काटा जाता है। जब तक बिल का भुगतान नहीं होता है..स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन नहीं जोड़ा जाएगा।
 
                        इसके बाद बारी नगर पंचायत पेन्ड्रा की थी। नगर पंचायत अधिकारियों ने जैसा का तैसा जवाब देते हुए बिजली विभाग के सामने एक करोड़ 18 लाख रूपयों का बिल पेश कर दिया। नगर पंचायत विभाग ने बिजली विभाग को बताया कि पेश किया गया बिल प्रति पोल के अनुसार है। एक विधुत पोल का टैक्स 600 रुपए हैं। नगर में लगाए पोल की संख्या के आधार पर बिजली विभाग को नगर पंचायत के कोष में कुल समेकित टैक्स करीब 1 करोड़ 18 लाख देना होगा।
 
              नगर पंचायत पेंड्रा के अध्यक्ष राकेश जालान ने बताया कि हमे बिल थमाया गया है। दो दिन सड़कों की लाइट बन्द होने से नगरवासियों को अंधेरा का सामना करना पड़ा है। हमने अपना बिल देकर बिजली विभाग को स्पष्ट किया है कि बिजली बिल काटने के बाद नगर पंचायत की शेष टैक्स राशि को कोष में जमा करें।
 
       जालान के अनुसार नगर पंचायत के वार्ड 1 से 15 वार्ड में लगे विधुत पोल का बिजली विभाग ने साल 2009 से राशि का भुगतान नहीं किया है। हमने स्पष्ट किया है कि बिजली विभाग अपना बिल काटकर बाकी टैक्स नगर पंचायत में भुगतान करे। 
close