Chhattisgarh के दिलचस्प उपचुनाव (एक)–Kasdol में हुआ था मुख्यमंत्री DP Mishra का किस्मत का फैसला…

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में विधानसभा के उपचुनावों का इतिहास दिलचस्प रहा है,अविभाज़ित मध्यप्रदेश(MadhyaPradesh) के समय से लेकर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) बनने के बाद भी छत्तीसगढ़ की विधानसभा सीटों पर कई ऐसे उपचुनाव हुए हैं, जिनमें मुख्यमंत्रियों की किस्मत का फैसला भी हुआ है। कई ऐसे चुनाव हैं, जिसमें सत्तापक्ष के उम्मीदवार को भी हार का सामना करना पड़ा था । इस सीरीज़ में हम छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के चुनावी इतिहास को खंगालते हुए ऐसे कुछ ख़ास – दिलचस्प उपचनावों की चर्चा कर रहे हैं…।

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कसडोल का वह उपचुनावः जहां हुआ था डी.पी मिश्र की किस्मत का फ़ैसला..!अविभाजित मध्यप्रदेश में 1957 के बाद हुए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) इलाक़े के महत्वपूर्ण विधानसभा उपचुनाव में 1963 में हुए कसडोल विधानसभा सीट के उपचुनाव का ज़िक्र पहले आता है। जहां से कांग्रेस की टिकट पर पं. द्वारिका प्रसाद मिश्र(DP Mishra) उपचुनाव के मैदान में उतरे थे । वे कसटोल का उपचुनाव ज़ीते और इसके तुरंत बाद मध्यप्रदेश के मुख़्यमंत्री बनाए गए । इस लिहाज़ से कसडोल का उपचुनाव दिलचस्प रहा। लेकिन इस उपचुनाव की चर्चा यहीं पर ख़त्म नहीं हुई। हुआ यह कि कसडोल उपचुनाव में डी.पी. मिश्र से पराज़ित हुए कमलनारायण शर्मा ने तय सीमा से अधिक चुनाव ख़र्च करने के मामले में एक याचिका लगाई और अदालत नें डीपी मिश्र को दोषी पाकर उन्हे छः साल के लिए चुनाव लड़ने से अपात्र घोषित कर दिया । इसके बाद डी.पी. मिश्र (DP Mishra) चुनाव की राजनीति से अलग ही हो गए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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