कई राज्यों में कोरोना के केसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यूपी, दिल्ली, हरियाणा के एडिशनल चीफ़ सेक्रेटरी को पत्र लिखा है। उन्होंने इन राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। मंत्रालय ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी के खिलाफ लड़ाई में कुछ भी खोए बिना आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को खोलने पर जोखिम मूल्यांकन-आधारित दृष्टिकोण का पालन करने की सलाह दी है।
राज्यों को भेजे पत्र में कहा गया है कि अफसरों को सलाह दी जा रही है कि वे संक्रमण के प्रसार की लगातार निगरानी जारी रखें और कोविड-19 के त्वरित और प्रभावी प्रबंधन के लिए हरसंभव आवश्यक कदम उठाएं। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क पहनने पर विशेष जोर देने के साथ पांच प्रकार की रणनीति ‘परीक्षण, ट्रैक, उपचार-टीकाकरण और कोविड के उचित व्यवहार का पालन, नए कोविड मामलों के समूहों की निगरानी और संक्रमण के प्रसार को ठीक करने के लिए आवश्यक रोकथाम’ प्रयासों पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार कमी के बाद एक बार फिर नये संक्रमणों में वृद्धि देखने को मिल रही है और 11-18 अप्रैल के बीच संक्रमण दर में करीब तीन गुना बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह जानकारी शहर के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से सामने आयी है। इन आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 11 अप्रैल को संक्रमण दर 2.70 फीसदी रही थी जो 15 अप्रैल को बढ़कर 3.95 फीसदी जा पहुंची। अगले ही दिन 16 अप्रैल को संक्रमण दर 5.33 फीसदी हो गयी और 18 अप्रैल को यह बढ़कर 7.72 फीसदी तक पहुंच गई।
इसके मुताबिक, पिछले सप्ताह दिल्ली में 67,360 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 2,606 में संक्रमण की पुष्टि हुई । इस अवधि में औसत संक्रमण दर 4.79 फीसदी रही। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, शहर में 11 अप्रैल को 5,079 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 137 संक्रमित पाये गये । यहां 18 अप्रैल को 6,492 नमूनों की जांच की गई, जिनमें 501 से अधिक में संक्रमण की पुष्टि हुई। इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के दो मरीजों की मौत हुई।
दिल्ली-एनसीआर में कोरोना मामलों में तेजी आई है। चिंता की बात यह है कि अब बच्चे भी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। गाजियाबाद-दिल्ली के स्कूलों में कई बच्चे पॉजिटिव निकल चुके हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से स्कूलों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। एक भी कोरोना केस मिलने पर स्कूल की उस विंग को बंद करने का आदेश है। स्थिति को देखते हुए पूरे स्कूल को बंद करने का फैसला विद्यालय का प्रशासन ले सकता है।