रायपुर। छत्तीसगढ़ में चर्चित मुख्यमंत्री के ढाई ढाई साल के कार्यकाल को लेकर प्रदेश सरकार के मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पहली बार ऑन रिकॉर्ड बड़ी बात कही है । उन्होंने दंतेवाड़ा में संवाददाताओँ के सवालों का जवाब देते हुए कैमरे में यह बात कहीं कि उस समय ( मुख़्यमंत्री चयन क् समय ) बंद कमरे में कुछ बातें हुई थी। लेकिन जिस तरह छत्तीसगढ़ में चर्चा हो रही है उससे लगता है कि इस बारे में अब निर्णय आ जाना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में परिवर्तन होगा या नहीं।
छत्तीसगढ़ म मैं बुधवार से शुरू हुई दो यात्राएं सियासी हलकों में क़ाफ़ी चर्चित हैं। एक तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम लोगों से संपर्क और सरकार की योजनाओं का जायजा लेने के लिए हर एक विधानसभा में अपने दौरे की शुरुआत की है। उन्होंने सरगुजा इलाके के से इसकी शुरुआत की। इसी दिन से प्रदेश सरकार के मंत्री टी.एस. सिंहदेव हेलीकाप्टर से से हवाई दौरे पर निकले हैं। उन्होंने अपने इस सफर की शुरुआत बस्तर के दंतेवाड़ा से की है। एक ही दिन शुरू हुई इन चर्चित यात्राओं को टी.एस . सिंह देव के बयान से और भी हवा मिल रही है।
सियासी हलकों में कई बार यह मुद्दा गर्म रहा है कि 2018 का चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस हाईकमान की मौजूदगी में इस बात पर रजामंदी हुई थी कि मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई – ढाई साल का फार्मूला होगा। जिसमें पहले भूपेश बघेल और फिर उसके बाद टी .एस. सिंह देव को मौका मिलेगा। अब तक यह बातें सिर्फ चर्चा में है। इसे लेकर कांग्रेस संगठन की ओर से अब तक कोई अधिकारिक बयान या स्पष्टीकरण नहीं आया है।
लिहाज़ा इस बारे में पक्के तौर पर कोई बात नहीं कही जा रही है। टी.एस सिंह देव ने जरूर कई बार इस ओर इशारा किया था। लेकिन उन्होंने भी सब कुछ हाईकमान पर छोड़ दिया था। मगर अपने इस नए हवाई सफर की शुरुआत में ही उन्होंने पहली बार उन्हेने ऑन रिकॉर्ड जो बात कही है. उससे इस मुद्दे को एक बार फिर से हवा मिलने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
टी.एस सिंह देव ने दंतेवाड़ा में संवाददाताओं से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में जो कहा उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ढाई साल के मुद्दे को लेकर उनसे सवाल किया गया था। जिस पर उन्होंने कहा कि देखिए आगे क्या होता है। मैं भी चाहता हूं कि इसमें एक स्पष्ट निर्णय आ जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान और वरिष्ठ लोगों के साथ बंद कमरे में बात हुई थी। बंद कमरे की मर्यादा को रखने के कारण हम लोग यह बोलते नहीं की क्या बात हुई है। बंद कमरे में क्या हुआ यह कहना हम लोगों के लिए एक तरह से व्यावहारिक जिम्मेदारी रहती है। वरना हाई कमान खुद अनाउंस कर देते की बात क्या हुई थी। जब वे पब्लिक नहीं कर रहे हैं तो हमारे लिए भी वही संकेत है कि बंद कमरे की बात को बंद ही रहना चाहिए । अगर यह बात प्रदेश में चल रही है कि ऐसा कुछ हुआ था, तो अब समय है कि उस पर एक निर्णय आ जाना चाहिए कि परिवर्तन होगा या नहीं होगा ….।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि नाराजगी की बात नहीं है । काम करने की मंशा रहती है । जहां काम करने का मौका मिलेगा वहां काम करेंगे। युवा आयोग के सदस्य को हटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी घर के अंदर अगर ऐसी कोई बात होती है जो एक दूसरे को खराब लगती है। मेरे खिलाफ एक के विधायक का बयान आया था कि उन्हें जान का खतरा है। पर इसे अलग ढंग से डील किया गया था । कोई निष्कासन की कार्रवाई नहीं की गई थी। प्रदेश सरकार के मंत्री टीयएसय सिंहदेव की ओर से कही गई इन बातों से आने वाले दिनों में मौसम की गर्मी की तरह सियासत का पारा भी गरम हो सकता है।