अनुभव 4.0ः योग एवं सुरों से सजने लगें हैं बच्चों के अनुभव,कई विधाओं को सीखने से होता है संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण – कमिश्नर

Chief Editor
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बिलासपुर । आधारशिला विद्या मंदिर में आवासीय कार्यक्रम अनुभव 4.0 में राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय स्तर के कलाकार एवं योग गुरुओं द्वारा सहज शिक्षा का माहौल बना हुआ है | इसे देखने के लिए शहर से कई विशिष्ट अतिथि आ रहे हैं | इस कार्यक्रम में छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए मुख्य अतिथि संभाग के कमिश्नर डॉक्टर संजय अलंग आए | उन्होंने मनोवैज्ञानिक सिगमंड फ्रायड का उद्धरण देते हुए कहा कि कई विधाओं को थोड़ा-थोड़ा सीखना हमारे भावनात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है | उन्होंने कहा कि आजकल हम कला से दूर होते जा रहे है और इस तरह के प्रयास से बच्चों की शिक्षा में नए आयाम जुड़ते हैं | यह देख कर बहुत ख़ुशी हो रही है कि स्पीक मैके एवं आधारशिला मिलकर बच्चों को कला एवं संस्कृति के प्रति संवेदनशील बना रहे हैं और आवश्यक जीवन कौशल सीखा रहें हैं |

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कार्यक्रम के तीसरे दिन बच्चों ने सुबह की शुरुआत नाद योग एवं हठ योग के साथ किया | प्रत्येक दिन ढाई घंटे योगाभ्यास के बाद बच्चे ध्यान भी करते हैं | इसके बाद श्रमदान एवं नाश्ते का वक्त होता है | वर्कशॉप में विभिन्न कला गुरुओं के सानिध्य में बैठ कर संगीत, लोककला, क्राफ्ट एवं नृत्य प्रशिक्षण लेते रहे| आज के अभ्यास में उन्होंने हर विधा में गुरु से संवाद के साथ कड़ा अभ्यास किया | आखिरी दिन सभी बच्चों द्वारा प्रस्तुति भी किया जाना है |

दोपहर के सात्विक भोजन के बाद गुरु सुनील गर्गयान द्वारा सभास्थल मंच पर कर्नाटक वोकल की प्रस्तुति दी l उन्होंने प्रत्येक प्रस्तुति के साथ उसका अर्थ एवं सन्दर्भ भी संक्षेप में रखा | इस प्रस्तुति के दौरान राजस्व विभाग की असिस्टेंट डायरेक्टर श्रीमती अर्चना मिश्रा एवं आकाशवाणी की चर्चित फेम डॉ. सुप्रिया भारतीयन भी उपस्थित रहे । संयोग से इस दौरान मौसम भी मेहरबान रहा और ठंडी हवाओं के बीच सभी श्रोता सुनील गर्ज्ञान जी की प्रस्तुति में खो गये |

इसके बाद विद्यार्थियों ने संपूर्ण शरीर व मन को रिलैक्स करने के लिए गुरु मंजु झा के सानिध्य योग निद्रा की साधना की । लाइव कार्यक्रम विदुषी विशाखा हरि के द्वारा प्रस्तुत किया गया हरि कथा का आनंद लिया। इसके उपरांत छात्रों के मध्य पद्मश्री शोवना नारायण के द्वारा समूह वार्तालाप का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के समन्वयक डॉ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि आम तौर पर हम सिर्फ ब्रह्ममुहूर्त में उठने की बात करते हैं परन्तु आज विभिन्न स्कूलों और कॉलेज से आये 200 से अधिक बच्चे इसका प्रत्यक्ष अनुभव कर रहे हैं | सभी बच्चे विभिन्न मोड्यूल कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी दिखा रहे हैं |

रात्रि भोजन के बाद छात्रों ने पूणे विश्वविद्यालय से प्रसारित लाइव कार्यक्रम हिन्दुस्तानी गायक पं.उल्लास के गायन शैली का आनंद लिया।

बुधवार 1 ज़ून के कार्यक्रम –

1) अपराह्न 1 बजे – श्रीमती ऋतु वर्मा (पंडवानी गायन)

2) 5.45 से 7.30 बजे – नित्यानंद हल्दीपुर (बांसुरी वादन)

आप सभी सादर आमंत्रित हैं |

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