(प्राण चड्ढा) साहेब बन्दगी – कबीर चबूतरा देखने जब पहुंचो ये अभिवादन अभिभूत करता है, कबीर चबूतरा बिलासपुर जिले की सरहद पर अमरकंटक के करीब है, यहाँ घाटी के नीचे वह स्थल उपेक्षित है जहाँ नानक और कबीर मिले थे, कबीर के खड़ाऊ खपरैल वाली छत के कच्चे मकान में रखे हैं,बरसों से दूर दूर के कबीर पंथी यहाँ हाजरी देते रहे हैं, जमाना बदल गया पर दो महान संतों की ये मिलन स्थली उपेक्षा से नहीं उबरी है. एक तो वन अधिनियम और दूजा जिलों का संगम स्थल। अब ये दो प्रान्त मप्र और छत्तीसगढ़ की सरहद का इलाका ।कुछ पक्के निर्माण कार्य आसपास हो गए है.. । पर सन्त कबीर की धरोहर खपरे वाले छत तले उपेक्षित रखी है। जंगल में यहाँ आभाव रहने वाले सभी श्वेत वस्त्रधारी करीब पंथी को बन्दगी !!
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