विकास को खोजते अमर पहुचे महापौर के वार्ड…कहा..कछुआ गति से चल रही स्मार्ट सिटी योजना…खतरे में प्रोजेक्ट..किया प्रचार

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बिलासपुर—सरकार की बेरुखी और  क्रियान्वयन एजेंसी की लापरवाही ने स्मार्ट शहर की परिकल्पना को बदरंग बना दिया है। डॉ.रमन सिंह की सरकार के समय शुरू हुई सारी योजनाएं अब दम तोड़ दी है। विकास के नाम पर जिले की जनता के साथ केवल और केवल मजाक किया जा रहा है। यह बातें विकास खोजो अभियान के अंतिम चरण में जन समस्या शिविर के दौरान कही। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बड़े काम को दरकिनार कर नए काम को जोड़कर केवल खानापूर्ति की जा रही है। लोग भ्रम में है कि जनता को पता नहीं है..सच तो यह है कि जनता अब चुनाव का इंतजार कर रही है।
         पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल की अगुवाई में विकास खोजों अभियान का  जत्था वार्ड क्रमांक 11 गायत्री नगर और वार्ड क्रमांक 20 प्रिय दर्शनी नगर पहुंचा। वार्ड वासियों ने पूर्व मंत्री और भाजपा पदाधिकारियों को अपने पार्षद और माहापौर के चुनाव बाद से गायब होने के बारे में बताया। साथ ही समस्याओ को साझा भी किया।
 
             अमर अग्रवाल  ने जन समस्या शिविर के दौरान वार्ड वासियों से कहां कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में आने वाली पीढ़ी की पांच दशकों के आवश्यकता के अनुसार आधुनिक तकनीक और  सुविधाओं से युक्त नवा रायपुर और रायपुर समेत हमर बिलासपुर स्मार्ट सिटी का तोहफा दिया।अधोसंरचना विकास,पेयजल हाउसिंग प्लान,उत्थान कार्यक्रम, ग्रीन बेल्ट विकास कमर्शियल कंपलेक्स मार्केट,परिवहन व्यवस्था,इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, बिलासपुर सिटी ऑपरेशन सिस्टम समेत सांस्कृतिक जागरूकता अभियान के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपए दिए। स्मार्ट सिटी में  शहर के मध्य क्षेत्र के 20 वार्डों शामिल किया।
सब कुछ तैयार कर के दिया
  अमर अग्रवाल ने बताया 5 वर्षों की निर्धारित समयसीमा में 24 घंटे जलपूर्ति, सौर ऊर्जा आधारित विद्युत उत्पादन, मीटरिंग प्रणाली, सीवेज और बरसाती पानी का पुर्न:चक्रण ,घर घर में शौचालय , विश्व स्तरीय सार्वजनिक प्रसाधन की सुविधा ,कचरे का वैज्ञानिक विधि से निबटान,रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, तालाबों को जीर्णोद्धार, सूचना प्रौद्योगिकी की पहुंच के लिए सुदृढ़ अधोसंरचना का विकास तथा नगरीय सेवाओं का कंप्यूटरीकरण,पैदल यात्रियों एवं दिव्यांग जन के लिए विशेष सुविधायुक्त मार्गों का विकास,प्रदूषण मुक्त शहरी यातायात के लिए पैदल मार्ग, साइकिलिंग और ई रिक्शा पथ ,विश्व स्तरीय स्वचलित शहरी यातायात प्रणाली के लिए प्रयोजन, आधुनिक पार्किंग क्षेत्र का निर्माण,हरित क्षेत्र, खुले क्षेत्र, खेल मैदान, तालाबों आदि का सौंदर्यीकरण, उपयोग एवं रखरखाव की प्रणाली,बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों की विशेष सुरक्षा के साथ आमजनों की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था,नागरिक परामर्श, सिटीजन लोगो तथा सिटी ब्रांडिंग से युक्त अतिरिक्त स्मार्ट सुविधाओं का विकास,प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 3744 आवास ,जनता शौचालय,सामुदायिक भवन व ऐप, फुट ओवर ब्रिज एवं लाइव ओवर ब्रिज  बिलासा पथ निर्माण,नए 500 ई रिक्शा का संचालन, बायो गैस प्लांट,स्लम एरिया हेतु आबादी के अनुपात भूमि चयन विकासात्मक गतिविधियों से संबंधित आदि सैकड़ों कार्यों का डीपीआर बनाकर सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराना आरंभ कराया गया। 
फाइलों में स्मार्टि सिटी योजना को दफन की तैयारी
उन्होंने कहां 2019 से कांग्रेस सरकार आते ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के बड़े काम दरकिनार कर दिए गए नए काम जोड़कर खानापूर्ति की जा रही है। मल्टीप्लेक्स कमर्शियल काम्प्लेक्स, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना धरी की धरी रह गई है।जनता को ट्रैफिक के जंजाल से मुक्ति दिलाने वाली आईटीएमएस की योजना अब तक अटकी हुई है। नए जुड़े कार्यों में अरपा के किनारे 1800-1800 मीटर रोड और नाली निर्माण की कछुआ गति से चल रही है। मच्छरों से मुक्ति, रेंट ए साइकल की योजना ड्राप कर दी गई।दिसंबर 2022 तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत महज 15 से 20 % काम  हो पाए है। लागत  विश्लेषण के आधार सतत विकास के लिए केंद्र सरकार ने भी अल्टीमेटम जारी कर जून 2023 तक समय  दिए जाने के बावजूद कार्यों में प्रगति नही आ रही है। कंसल्टेंट की नियुक्ति ,कई टेंडर में अपेक्षित कंपनियों ने दिलचस्पी नही लेने से स्मार्ट सिटी की कई महत्वाकांक्षी योजनाएं गायब हो गई है और कुछ फाइलों में चल रहीं।
राज्यांश नहीं मिलने से अधर में योजना
पद्मश्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी स्मार्ट रोड, सेंट्रल लाइब्रेरी में इन्क्यूबेशन सेंटर, डिजिटल लाइब्रेरी, कुछ जगहों पर शहर  मुफ्त वाईफाई ,व्यापार विहार स्मार्ट रोड, रिवर व्यू ,प्लेनेटोरियम, नेहरू चौक से मुंगेली नाका चौक तक रोड के चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य में अधिकांश भाजपा के शासनकाल में शुरू हुए। 30 से 40 फीसदी कार्य प्रक्रियाधीन हैं और इतनी ही योजनाओं की फाइल मूव तक नहीं हो पाई है। केवल यूटिलाइजेशन भेजकर राशि आहरण का खेल खेला जाता रहा। स्मार्ट सिटी हेतु प्राथमिकता आधारित अधिकांश प्रोजेक्ट अनावश्यक लंबित किए गए।तय समय सीमा में काम पूरा ना होने पर प्रोजेक्ट के अटकने का खतरा मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने  बिलासपुर शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिए जाने से अब तक अरबो रूपए विकास कार्य के लिए स्वीकृति प्रदान की गई । प्रदेश सरकार की स्मार्ट सिटी के उन्नयन और विकास में कोई रुचि नहीं है,राज्यांश नही मिलने परियोजना विलंब से चल रही है।
अमर अग्रवाल ने श्रद्धा जैन के लिए किया चुनाव प्रचार
आज संध्या कालीन सत्र में विष्णु नगर वार्ड में होने वाले पार्षद उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्रद्धा जैन के पक्ष में घर-घर जनसंपर्क कर  कुमारी श्रद्धा जैन को विजयी बनाने की अपील की ।
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