बिलासपुर—नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का नारा केवल जुमलेबाजी तक सीमित है। सरकार से जनता त्रस्त । तालाब और सरकारी जमीनों पर माफियों का कब्जा है। जल स्रोतों का संरक्षण नहीं किया जा रहा है। प्राकृतिक धरोहरों की स्थिति बदहाल है। यह बातें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने तालापारा क्षेत्र स्थित भारतीय नगर ताला के पास एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान कही। अमर ने कहा नगर का सबसे बड़ा तालापारा स्थित 40 एकड़ में पसरा तालाब आज बद से बदतर स्थित में है।
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने तालापारा स्थित भारतीय नगर चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री ने उपस्थित लोगों की सभा को संबोधित किया। उन्होने बताया कि आज से तीस साल पहले शहर के निस्तार पत्रक में 70 तालाब हुआ करते थे। जिसके चलते बिलासपुर का भूमिगत जल स्तर ठीक ठाक रहा। भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों की तर्ज पर सरोवर धरोहर योजना के द्वारा तालाबों के संरक्षण और संवर्धन किया गया। नालों के गंदे पानी की एवम सफाई के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना, सैर के लिए तालाब के चारों ओर पाथ वे और उद्यान बनाने, तालाब के अंदर लाईट फाउंटेन, बोटिंग की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, कियोस्क और दुकानें , शापिंग केंद्र पार्किंग,कन्वेंशनल सेंटर सर्वसुविधा युक्त होगा पर्यटन केंद् विकसित करने का कार्य योजना तैयार किया गया। तालाबों के आस पास रहने वाले आसपास रहने वाले गरीब मध्यम वर्ग के लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति की गयी। । तालापारा मिनी माता तालाब बिलासपुर की पुरातन प्राकृतिक विरासत है, हमने तालापारा के विकास के लिए सर्वे कराया।
,जिस पर अनेक झुग्गी झोपड़ी वासी थे जो इस तालाब के सँवारे जाने कार्य से प्रभावित होने की आशंका रखे हुए थे। जनसुनवाई एवं जनसंपर्क करके क्षेत्र के लोगों के बीच आम सहमति बनाने का प्रयास किया गया। आज 35 करोड़ की अनुमानित लागत से तालापारा तालाब के विकास कार्यों की बात की जा रही है उसकी योजना स्मार्ट सिटी के मद से पूर्व में ही बना ली गई थी।
अमर अग्रवाल ने कहा भाजपा शासनकाल में प्रधानमंत्री आवास योजना के मोर जमीन मोर आवास घटक के अंतर्गत तालाब किनारे झुग्गी झोपड़ी वाले परिवारों का सर्वे कराया गया और तालाब की भूमि पर बसे 725 एवं तालाब के किनारे 261 झुग्गी झोपड़ियों की जगह सुविधायुक्त मकान उसी स्थान पर बनाकर देने के लिए आवास की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके लिए हमने 50 करोड़ रुपयों का प्रावधान हमने कराया। झुग्गी झोपड़ी वासियों के लिए उनका आशियाना बन जाए। लेकिन मौकापरस्त राजनेताओं को मंजूर नहीं था। , विस्थापन की समस्या के नाम पर वह जमीन पर कब्जे का भय दिखाकर लोगो को भ्रमित करने लगे। , आज जब उनकी बारी आई है तो भी वह आवास नहीं दे पा रहे हैं। और ना ही तालाब क्षेत्र का संवर्धन और संरक्षण कर पा रहे हैं।
आज शहर के कमोबेश सभी तालाबों की स्थिति बद से बदतर है। कुछ पर जमीन माफियों ने कब्जा कर आशियाना बना लिए हैं। शहर में 12 महीने पानी की समस्या रहती है। अमर ने बताया जतिया तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 6.50 करोड़ का टेंडर कराया था। कांग्रेस की सरकार आने के बाद क्रियान्वयन के समय के जतिया तालाब की बाउंड्री वाल का एक हिस्सा गिर गया। आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ।
स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग हो रहा है। गुणवत्ताहीन कार्य कराया जा रहा है। जांच का आश्वासन दिया जाता है जाँच कभी पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा पिछले दिनों जलकुंभी को हटाने के लिए हार्वेस्टर मशीन डेढ़ करोड़ की खरीदे जाने का समाचार आया, स्मार्ट सिटी के फंड से पैसा सैंक्शन होने के बाद भी जलकुंभी निकालने की मशीन कागजों में दौड़ रही है। लो लाइन एरिया और स्लम एरिया में रहने वाले लोगों की मूलभूत सुविधाओं की बहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों में अड़ंगा लगाने वाले कांग्रेस के नेता अपनी बारी आने पर इन इलाकों में झांकने नहीं आते।
निस्तार पत्रक में तालाबमद की भूमि की जांच हो-
अमर अग्रवाल ने कहा नगरीय आबादी के एक चौथाई इलाकों में रहने वाले झुग्गी झोपड़ी वासियों की मूलभूत सुविधाओं के शहरी सरकार चिंता नहीं करेगी तब तक नगरीयता एवं नगरीकरण के सारे मायने निकायों की तरक्की पर बाधक बने रहेंगे। पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल से प्रशासन से मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार तीस साल पहले की स्थिति में जिले के निस्तार पत्र में तालाब मद की चिन्हित निजी और सरकारी जमीन के अस्तित्व की पहचान की जाए, इन प्राकृतिक धरोहरों को आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों के मुताबिक संरक्षित किया जाए और कब्जा करने वाले भू माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। अमर अग्रवाल जी ने कहा नारो में ही नवा छत्तीसगढ़ बुलंद हो रहा है,धरातल पर जनता 5 सालों में ही सरकार से त्रस्त हो चुकी है।
सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने कहा पिछले दिनों नागरिकों की सुविधा के लिए सिटी बस की व्यवस्था के सुचारू संचालन के विषय में हमने जन-जागरण किया। अगर सच में इन्हें जनता की परवाह होती सेवाओ की हालात में सुधार की पहल करते ।इसके उल्ट वे कलेक्टर के पास जाकर गुहार लगा रहे हैं, भोले भाले भाइयों को बरगला रहे हैं । हमने तो खुले मंच से कहा सिटी बस सेवा कबाड़ बदल गई है। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि सरकार और प्रशासन करोड़ों रुपए की ठप्प पड़ी सेवाओं का व्यवस्थित संचालन करें, लेकिन शहर के प्रतिनधि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे, जनता के सामने झूठ और भ्रम परोसने के लिए पैदल मार्च की नौटंकी कर रहे हैं। ऐसी फोटोजीवी जनप्रतिनिधियों को शहर की जनता सबक सिखाने के लिए तैयार है।