बिलासपुर— पांच तीतर के बदले आज पांच घड़ियाल और 2 साही को इंदौर स्थित कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय से सुरक्षित कानन पेण्डारी लाया गया। कानन पेण्डारी से दो दिन पहले तीन तीतर इन्दौर भेजा गया था। वन अधिकारी डॉ.चंदन त्रिपाठी और ठाकुर विश्वनाथ सिंह ने आज तीतर को कर घडियाल और साही को बिलासपुर लाया।
एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत आज कानन पेन्डारी में तीन नर और दो मादा घड़ियाल समेत 2 साही (पर्क्यूपाइन) को सुरक्षित इन्दौरी से कानन पेण्डारी लाया गया। सभी घड़ियाल को तालाब में छोड़ दिया गया है। साही को भी कानन पेण्डारी में मजा आ रहा है। मालूम हो कि इसके पहले कानन पेण्डारी में दो नर साही ही थे। अब दो मादा साही को मिलाकर इनकी संख्या चार हो गयी है।
कानन प्रशासन ने इनके आने के पहले ही रहने और खाने की उचित व्यवस्था कर लिया था। उनका आज बेसब्री से इंतजार था। कानन पेण्डारी पहुंचते ही तीन नर और दो मादा घड़ियाल समेत दोनों मादा साही को उनके केज में छोड़ा गया। लम्बी थकान के बाद भी मेहमान जीवों ने जैविक प्रक्रिया को पूरा करते हुए अपनी खुशी जाहिर की है।
कानन को बनाएंगे सबसे सुन्दर संस्थान
जीवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हमारे यहां उसी के अनुसार व्यवस्था भी हो रहा है। देश में यहां के जीवों की बहुत मांग है। हम अपनी जरूरतों के अनुसार जीवों को एक्सचेंज कर नए जीव ला रहे हैं। पर्यटकों को भी हमारा प्रयोग ठीक लग रहा है। यदि सब कुछ इसी तरह चलता रहा तो कानन पेण्डारी प्रदेश का सबसे सुन्दर पार्क होगा। आज हमने पांच घड़ियाल और दो साही लाया है। दोनों स्वस्थ्य है।
सत्यप्रकाश मसीह…वन मण्डलाधिकारी..बिलासपुर वन वृत
लम्बी थकान के बाद आराम
लम्बी यात्रा के बाद जीव थके हैं। लेकिन कानन पेण्डारी पहुंचते ही साही अपने केज में और घड़ियाल पानी में पहुंचकर अपनी थान को मिटाया है। तीन नर और दो मादा घड़ियाल के साथ हमें दो नर के लिए दो मादा साही की जरूरत थी। आज वह कमी भी पूरी हो गयी। जीवों को बेहतर सुरक्षा और भोजन दिये जा रहे है। दो एक दिन बाद मेहमान जीव कानन को अपना आशियाना मानने लगेंगे।
टी.आर.जायसवाल..रेंजर..कानन पेण्डारी बिलासपुर