बिलासपुर। कलेक्टर डॉ संजय अलंग के निर्देश पर सार्वजनिक भवनों को दिव्यांगजनों के लिये बाधा रहित करने हेतु एक्सिस ऑडिट शुरु हो गया है। बिलासपुर शहर और आस-पास के 81 सार्वजिनक भवनों का एक्सिस ऑडिट भारत सरकार द्वारा चिह्नांकित आरुषि संस्था भोपाल के ऑडिट दल द्वारा किया जा रहा है। जिन भवनों का ऑडिट कराया जा रहा है उनमें प्रमुख रूप से कार्यालय आयुक्त भवन, कार्यालय राजस्व मंडल, कार्यालय कलेक्टर, कार्यालय जिला पंचायत, पुराना कंपोजिट भवन, नया कंपोजिट भवन, कार्यालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश भवन, नगर पालिक निगम भवन, कार्यालय पुलिस अधीक्षक, जिला चिकित्सालय, सिम्स एवं अन्य सार्वजनिक भवन हैं। उक्त ऑडिट टीम में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी साथ में सार्वजिन भवनों में जा रहे हैं।
एक्सिस ऑडिट के लिये आयी आरुषि संस्था के सदस्य अनिल मुदगल ने बताया कि दिव्यांगों के लिये सार्वजिनक भवन सुगम हैं अथवा नहीं इसलिये ये ऑडिट किया जा रहा है। हमारी टीम के सदस्य सभी चयनित सार्वजनिक भवनों में जाकर देख रहे हैं कि वहां दिव्यांगों के लिये एक्सेबिलिटी है या नहीं।
सीपीडब्लूडी के द्वारा प्रत्येक सार्वजनिक भवन में दिव्यांगों के लिये एक्सेबिलिटी के लिये नियम बनाये गये हैं। हम उन नियमों को ध्यान में रखकर ऑडिट कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कई भवनों में दरवाजे छोटे होते हैं जिनमें दिव्यांगों की व्हीलचेयर जा ही नहीं पाती है, उसी प्रकार सार्वजनिक भवनों की टॉयलेट भी इतनी छोटी हैं कि व्हीलचेयर का मूवमेंट ठीक से नहीं हो पाता है।
ऐसे ही नियमानुसार सीढ़ी में रेलिंग की व्यवस्था होनी चाहिये जिसे पकड़कर दिव्यांग सीढ़ी चढ़ सकें। लिफ्ट में भी ब्रेल लिपि में बटन होने चाहिये। लिफ्ट में दृष्टिहीन दिव्यांगों के लिये साउंड सिस्टम के द्वारा संकेत दिये जाने चाहिये। उन्होंने बताया कि जो भी कमियां पायी जाएंगी उन्हें दूर करने के लिये रिपोर्ट में सिफारिश की जाएगी। एक्सिस ऑडिट पर कलेक्टर डॉ संजय अलंग ने बताया कि दिव्यांगों को संवेदनशीलता के साथ एक्सेबिलिटी की भी आवश्यकता है। शहर स्मार्ट तभी बनेगा जब वह सभी के लिये एक्सेबल हो।