शिक्षको के एरियर्स के करोड़ो रुपए अटके,विभाग की लापरवाही और अफसरो की उदासीनता से बढ़ी परेशानी

Shri Mi
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Seventh Pay Commission, Maharashtra, Government Employees, 7th Pay Commission,रायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य भर में शिक्षक पंचायत संवर्ग का करोड़ों रुपए एरियर्स  राशि के रूप में सरकार के खजाने में अटका पड़ा है। ये एरियर्स शिक्षा कर्मीयो के वेतन का अंश ही है जो पिछले कई सालों से  पंचायत विभाग में अधिकारियों की लापरवाही की वजह से हर महीने काटा जा रहा था। जिसका कायदे से साल में एक बार हिसाब कर शिक्षको को भुगतना कर देना चाहिए था। CGWALL.COM के WhatsApp GROUP से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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विभाग को शिक्षको के समयमान वेतनमान, क्रमोन्नत वेतनमान सहित अनेक प्रकरण जो समय पर निपटा लिए जाने चाहिए थी,किन्तु कार्यालयों एवं अधिकारियों की उदासीनता के चलते समय पर कार्य पूर्ण नहीं किया गया जिसके कारण शिक्षकों को इनका लाभ समय पर प्राप्त नहीं हो सका।

जब इन शिक्षकों को इस प्रकार के लाभ प्रदान करने का आदेश हुआ तब तक महीनों गुजर गए थे।ऐसे में इस अवधि की अंतर राशि एरियर्स के रूप में देने का प्रावधान है, किन्तु अधिकारियों की उदासीनता कहें या लभांश पाने की इक इच्छा एरियर्स देने का कार्य भी समय पर पूर्ण नहीं किया गया। राशि भी कुछ कम नहीं है कुछ शिक्षकों के हजारों में तो कुछ के लाखों में।मिली जानकारी के अनुसार वेतनमान का बचा हुआ अंश नही दिया गया है। पूर्व में  शिक्षाकर्मियों के रुके हुए वेतन का अंश इक्कठा दिया गया है । यह संविलियन से पूर्व कई जगह पर जारी किया गया है। अनुमानित आधे शिक्षा कर्मी एरियर्स पा चुके होंगे।

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वही आम शिक्षको की बात माना जाय तो संविलियन के उपरांत भी कई जिलों और उनके ब्लॉक में  भुगतान हुए है किन्तु एरियर्स भुगतान का मापदंड क्या है। यह समझ से परे है।….जिन्हें एरियर्स का भुगतान किया गया है …उन्हें किस आधार पर भुगतान किया गया है..?  और जिन्हें नहीं किया गया है उन्हें भुगतान क्यों नहीं किया गया है…? यह जांच का विषय हो सकता है। किन्तु वरिष्ठ अधिकारी इस ओर ध्यान देंगे या नहीं यह तो वही जाने। इस पर तो शिक्षक संघ भी दबाव नही बना पर रहे है।

शिक्षक दबी जुबान में कहते है कि सालों के रुके हुए वेतनमान के अंश को निकलवाने के लिए शिक्षकों से ब्लाक स्तर से कथित अधिकारीयो ने 10 से 20  प्रतिशत की डिमांड की थीं।जिन्होंने यह चढ़ावा चढ़ाया उन्हें उनका एरियर्स मिल गया किन्तु जिन्होंने नियम कानून की दुहाई देते हुए चढ़ावा चढ़ाने से इंकार किया वो आज भी कार्यालयों की चक्कर लगा रहे हैं।

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अब आम शिक्षक यह सोचने को विवश हैं कि घुस ना देकर क्या उन्होंने कोई गुनाह कर दिया है जिसके कारण उनका खुद का पैसा अब तक सरकार के पास जमा है। जिसे डाकरने की तैयारी है।

हाल ही में पंचायत विभाग ने  एक आदेश जारी किया है।जिसमे भुगतान से सम्बंधित किसी भी प्रकार का एरियर्स पंचायत विभाग के बजाय शिक्षा विभाग के माध्यम से कोषालय के द्वारा करने का आदेश है।

किन्तु शिक्षा विभाग पंचायत विभाग के आदेश को मानने से रहा और जब तक वित्त विभाग से स्वीकृति नहीं मिल जाती कोषालय एरियर्स का भुगतान नहीं करेगी।अधिकारियों की गलती का खामियाजा अब इन शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि शिक्षकों के मूल वेतन की अंतर राशि जो विभाग की गलती की वजह से सरकार के पास जमा है उसके संबंध स्पस्ट आदेश क्या है ये समझ से परे है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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