स्कूल शिक्षा विभाग में जिला मिशन संचालक होने के नाते कलेक्टर को बीआरसीसी नियुक्ति का है अधिकार ?

Chief Editor
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रायपुर- भाटापारा स्कूल शिक्षा विभाग विकासखंड भाटापारा में बीआरसीसी का पद तीन वर्षों से खाली है। पूर्व में कार्यरत बी आर सी सी को व्याख्याता होने के बावजूद पात्रता ना होने के कारण मूल शाला भेज दिया गया था, । उसके बाद वर्तमान में सीएससी के पद पर काम कर रहे लखराम साहू को मिशन संचालक जिला कलेक्टर के अनुमोदन के कथित आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव द्वारा बीआरसीसी बना दिया गया है,जबकि लखराम साहू का मूल पद उच्च वर्ग शिक्षक है ।

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मामले पर जानकारी देते हुए बलौदाबाजार जिले के राजीव गांधी शिक्षा मिशन के मिशन समन्वयक सोमेश्वर राव ने बताया कि विकासखंड संकुल स्रोत समनव्यक का पद अस्थाई होता है।विकासखंड के वरिष्ठ प्रधान पाठक की नियुक्ति जिला कलेक्टर के अनुमोदन से बीआरसीसी के पद पर किए जाने का प्रावधान है । भाटापारा में बीआरसीसी बने लख राम साहू डीईओ के आदेश पर समन्वयक और बी आर सी सी दोनों का अस्थाई प्रभार संभाल रहे है। यह प्रभार किस नियम पर जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया इसकी जानकारी वही बता सकते है।

संकुल समन्वयक के लिए एक स्कूल से दो शिक्षकों का चयन नहीं किया जा सकता है। कोई टीचर जिस संकुल से है उसी संकुल में समन्वयक का कार्य करेगा । लखराम साहू पूर्व से ही नियम के विपरित समन्वयक पद पर काम कर रहे हैं। बीआरसीसी के लिए वरिष्ठ प्रधान पाठक का नाम बी ई ओ भाटापारा के द्वारा प्रस्तावित नहीं किया गया है, अतः काम चलाऊ प्रभार सीएसी को दिया गया है चूंकि बीआरसीसी बीईओ के अधीन कार्य करते हैं।

बी ई ओ से प्रस्ताव प्राप्त होने पर ही बीआरसीसी के पद पर नियुक्ति की जा सकेगी।चर्चा से स्पष्ट होता है कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी भाटापारा की लापरवाही से ही संकुल समन्वयक हेतु अपात्र योग्यताधारी को नियमों की अनदेखी करके गलत प्रस्ताव द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को अंधेरे में रखकर बीआरसीसी बनाया गया है । ताकि सैकड़ो स्कूलों में निर्माण मरम्मत की देखरेख के साथ शिक्षा मिशन की योजनाओं के क्रियान्वयन में बंदरबांट को अंजाम दिया जा सकें । क्योंकि यह तो सम्भव ही नही कि जिस ब्लाक में सैकड़ो प्राइमरी और मिडिल स्कूल है वहाँ तीन वर्षों से एक प्रधान पाठक ना मिला हो ,जिसे बीआरसीसी बनाया जा सके।

मामले में सेवानिवृत विकास खंड शिक्षा अधिकारी अमर सिंह धृतलहरे ने बताया उनके रिटायरमेंट के पूर्व ही बीआरसी का नियमानुसार प्रस्ताव भेज दिया गया था। किसी सीएससी को बीआरसीसी का काम नहीं दिया जा सकता।इसलिए उनके कार्यकाल में कार्यरत बीआरसीसी अशोक यदु मूल पद व्याख्याता की स्कूल वापसी के बाद बीईओ के पास ही प्रभार था।इस बारे में वर्तमान बीईओ कृष्ण बिहारी यदु से बातचीत नहीं हो सकी । वैसे भो हर मामले में कार्यरत बीईओ – मैं अभी नया हूं, मामला मेरे समय का नहीं है, मेरे द्वारा आदेश नहीं हुआ है, जिसने आदेश किया है वह जाने जैसा, टका सा जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
मालूम हो पिछले कई वर्षों से भाटापारा में बीआरसीसी के महत्वपूर्ण पद पर जिलास्तर पर राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा पोस्टिंग नही किये जाने से शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कार्य तो प्रभावित हो ही रहा है।अनेक वरिष्ठ शिक्षकों,प्रधान पाठकों को किनारे कर खुलेआम नियम विरुद्ध अपात्र समन्वयक को बीआरसी बनाये जाने से शिक्षा विभाग की साख पर भी बट्टा लग रहा है।विकासखंड के शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों का मानना है कि मिशन संचालक होने के नाते जिला कलेक्टर को मामले में संज्ञान लेकर यथोचित निर्णय लेना चाहिए।

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