बड़ी खबरः आत्मानन्द स्कूल प्रवेश में भ्रष्टाचार का खेल..जांच में खुलासा…प्राचार्य ने बनाया अपात्र को पात्र..शिक्षा प्रमुख सचिव तक पहुंची शिकायत

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—लाला लाजपत राय आत्मानन्द स्कूल में प्रवेश के दौरान जमकर भ्रष्टाचार का खेल  हुआ है। खेल में स्कूल प्राचार्य की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आयी है। प्रवेश के दौरान नियम और व्यवस्था को ताकर पर रखकर प्राचार्य ने भारी अनियमितता को अंजांम दिया है। शिकायत के बाद संयुक्त जांच समिति ने शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव के सामने पेश कर दिया है। मामला सामने आने के बाद जिला समेत पूरे प्रदेश में तहलका मच गया है। 
              
               मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानन्द स्कूल को गुरूजी लोगों ने भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने स्कूल शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव को रिपोर्ट पेश कर लाला लाजपत राय आत्मानन्द स्कूल में जमकर भ्रष्टाचार होने की बात को कबूल किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि लाला लाजपत राय आत्मानन्द स्कूल में प्रवेश के दौरान जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। प्रवेश के दौरान प्राचार्य ने नियम और निर्देशों को ताक पर रखकर वसूली को अंजाम दिया है। गरीबों के साथ मजाक कर रूपये के बदले अपात्र लोगों को संस्था में प्रवेश दिलाया है।  
 
                 जानकारी देते चलें कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल लाला लाजपत राय  प्राचार्य के खिलाफ नवनीत सिंह ने प्रवेश के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायत शैलेष पाण्डेय से किया। मामले में विधायक शैलेष पाण्डेय ने जिला शिक्षा अधिकारी को सयुक्त जांच टीम बनाकर जांच का करने को कहा । विधायक की मांग पर टीम का गठन कर जांच को अंजाम दिया गया। 
 
             संयुक्त जांच टीम ने जांच के बाद शिक्षा विभाग प्रमुख सचिव के सामने रिपोर्ट पेश किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल  लाजपत राय प्राचार्य ने भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है। प्राचार्य राजेश गुप्ता ने शाला प्रवेश के दौरान भारी भरकम डोनेशन लेकर बच्चों को प्रवेश भी दिया है।
 
        संयुक्त टीम की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल में निर्धारित संख्या से अधिक बच्चों को  प्रवेश दिया गया है। इसके लिए राजेश गुप्ता ने मनमानी वसूली को अंजाम दिया है। भारी भरकम डोनेशन के बाद बिना किसी दस्तावेज के अपात्र लोगों को प्रवेश दिया है।
 
                   मामले में जिला शिक्षा अधिकारी कौशिक से सम्पर्क का प्रयास किया गया। लेकिन कोई जवाब नहीं आया है। वही नाम नहीं छापने की सूरत में कई वरिष्ठ शिक्षकों ने बताया कि राजेश शुक्ला आत्मानन्द स्कूल में सिर्फ टिप्स ऑफ आइसवर्ग है। यदि चारों स्कूलों की जांच ईमानदारी से हो तो विद्रुप सच सबके सामने आ जाएगा।

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