सावधानः प्रिंट इलेक्ट्रानिक ही नहीं..वेव मीडिया पर रहेगी नजर…टीम को अधिकारियों ने बताया…कैसे करें काम

BHASKAR MISHRA

बिलासपुर—लोकसभा चुनाव के मददेनजर शुक्रवार को जिला कार्यालय स्थित मंथन सभागार में मीडिया सर्टिफिकेशन और  मॉनिटरिंग कमिटी के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में करीब लगभग 25 अधिकारी- कर्मचारियों ने शिरकत किया।

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कार्यशाला में प्रिंट,इलेक्ट्रानिक और वेव मीडिया समेत एफ.एम. और स्थानीय आकाशवाणी रेडियो ईकाई टीमों को जिला स्तरीय एमसीएमसी की भूमिका और भूमिका के बार में विस्तार से बताया गया। टीम के सभी सदस्य लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशियों के विभिन्न माध्यमों में चुनाव प्रचार के लिए खर्च की जाने वाली राशि पर निगरानी रखने को कहा गया। गें। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव कुमार बनर्जी, एमसीएमसी कमिटी के सदस्य, नोडल अधिकारी मुनुदाऊ पटेल विशेष रूप से मौजूद थे।

        प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर एमटी आलम ने संबोधित किया। उन्होने बताया कि मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी निर्वाचन व्यय अनुवीक्षणकी एक महत्वपूर्ण इकाई है। एमसीएमसी का प्रमुख कार्य सोशल मीडिया समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन करना। इसके अलावा पेड न्यूज की निगरानी और चुनाव प्रकिया के दौरान मीडिया में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन पर नजर रखना है।

उन्होने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार टीवी, रेडियो, सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य-माध्यमों पर राजनैतिक विज्ञापन के लिए प्रमाणन आवश्यक है। विज्ञापन अधिप्रमाणन की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कहा कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पूर्व बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकता।

सभी प्रत्याशियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी आयोग को देना होगा। सोशल मीडिया पर विज्ञापन और  प्रचार- प्रसार चुनाव व्यय में शामिल किया जाएगा।

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