नई दिल्ली-सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर आज यानी शुक्रवार 11 बजे से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कहा है कि आलोक वर्मा को फौरी राहत नहीं दी जाएगी. साथ ही पूर्व जज पटनायक की निगरानी में दो हफ्ते में सीवीसी करेगी जांच करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम निदेशक नागेश्वार राव कोई फैसला नहीं लेंगे. सीबीआई डायरेक्टर अनिल वर्मा ने जबरन छुट्टी पर भेजे जाने का आरोप लगाया है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस सुनवाई में इसके अलावा उस याचिका पर भी सुनवाई हुई जिसमें सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की जांच एसआईटी को देने की बात कही गई है. चूंकि यह मामले एक दूसरे से जुड़े हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस पर एक साथ सुनवाई की है.
इससे पहले आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के खिलाफ याचिका दायर करते हुए सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा जा रहा है. आलोक वर्मा के स्थान पर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया गया है. आपको बता दें कि सीबीआई ने अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 2 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के मामले में एफआईआर दर्ज की थी.
इसके बाद राकेश अस्थाना ने डायरेक्टर आलोक वर्मा पर 3 करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोप लगाया था. यह विवाद इतना बढ़ गया था कि सीवीसी की सलाह लेने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया. हालांकि सीबीआई ने साफ किया है कि इन दोनों को हटाया नहीं गया है बल्कि आंतरिक जांच होने तक इन्हें छुट्टी पर भेजा गया है. इस दौरान नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया है.