छत्तीसगढ़ के बस्तरवासी पिछले 30 सालों से जगदलपुर को राजधानी रायपुर से जोड़ने के लिए रेल मार्ग की मांग कर रहे है. यह मांग पूरी होती दिखाई नहीं दे रही है. जिसके चलते अब बस्तर वासियों का सब्र का बांध टूट चुका है. बस्तर वासियों ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है. आने वाले 9 मई को पूरे बस्तर जिले में बंद का आह्वान किया गया है.
इस बंद को बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के साथ ही बस्तर के सभी सामाजिक संगठनों का समर्थन मिला है .वहीं बंद के दौरान रेल आंदोलन मंच के पदाधिकारियों ने आर्थिक नाकेबंदी की भी तैयारी कर रखी है. बस्तर वासियों का कहना है कि बस्तर के किरन्दुल लौह अयस्क खदान से हर साल केंद्र सरकार को खरबों रुपए का लाभ होता है.
लेकिन इसके बाद भी बस्तर वासी रेल सुविधाओं के उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं. उनके द्वारा बीते 30 सालों से मांग की जा रही है. लेकिन यह मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है. जिसके चलते हजारों की संख्या में बस्तरवासी 9 मई को बंद कर रेल मंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.
बस्तर के रेल आंदोलनकारियों ने बताया कि बस्तरवासी लंबे समय से रेल सुविधाओं के विस्तार की मांग करते आ रहे हैं. इसके बावजूद लगातार उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं. जगदलपुर को राजधानी रायपुर तक रेल मार्ग से जोड़ने के लिए लंबे समय से मांग करने के बाद कुछ साल पहले रावघाट रेल परियोजना का काम शुरू तो किया गया.
लेकिन करीब 160 किलोमीटर का काम अधूरा छोड़ दिया गया है. इसे दोबारा शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोई रुचि नहीं ले रही हैं. जिसके चलते एक बार फिर बस्तर वासियों की इस रेल परियोजना को पूरा होते देखने की उम्मीद टूट चुकी है